हिमाचल प्रदेश

शिमला में सावधानी से चलाएं वाहन: एसपी संजीव

शिमला/चमन शर्मा
राजधानी शिमला में पुलिस के कड़े तेवरों के कारण जहां लापरवाही से चलने वाले वाहन चालकों पर यातायात पुलिस ने नुकेल कस दी है, वहीं शहर की आम जनता नए एसपी संजीव गांधी की व्यवस्था परिवर्तन के एलान से बहुत खुश है। शहरवासियों ने बताया कि अब शहर में जाम की व्यवस्था न के बराबर रह गई है। लोगों का कहना है कि गत महीनों पहले ट्रैफि क पुलिस कर्मी न तो सील्ड रोड़ पर बनी गुमटी पर दिखाई देता था और शिमला में सील्ड रोड़ के बावजूद भी बिना परमिट के वाहन धड़ल्ले से ओवरस्पीड से गुजरते थे, लेकिन अब संजीव गांधी के शिमला एसपी का पदभार सम्भालने के बाद राजधानी की स्थिति बदल रही है। हिमाचल की राजधानी शिमला आने वाले लोगों को अब गाड़ी की स्पीड धीमी रखनी होगी। अगर ओवर स्पीड में गाड़ी चलाई तो ड्रंक एंड ड्राइव की तरह लाइसेंस जब्त होगा। अभी तक सिर्फ ओवर स्पीड पर चालान काटा जाता थाए लेकिन शिमला के नए एसपी संजीव गांधी ने लाइसेंस जब्त करने के आदेश जारी किए हैं। शिमला पुलिस के एसपी संजीव गांधी का कहना है कि चालान काटना पुलिस का मकसद नहीं हैं। हम चालान इसलिए काट रहे हैं, ताकि व्यवस्था परिवर्तन हो। उनका कहना है कि सडक दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। गाड़ी चलाते समय रोड यूजर को ध्यान रखना होगा। ऐसे में तेज रफ्तार से अगर किसी ने गाड़ी चलाई तो उसका लाइसेंस जब्त होगा। बिना लाइसेंस 7500, सीट बेल्ट न लगाने पर 1500, ड्रंक एंड ड्राइव 10 से 15, 22 और 30 हजार, बिना इंश्योरेंस 3000, मोबाइल पर बात करने पर 7500, बिना हेलमेट 1500, ओवर स्पीड 1500 रुपए का चालाना काटा जा रहा है। हिमाचल सरकार ने चालान पर डेढ़ गुणा जुमार्ना फैक्टर लगाया था। प्रदेश में सडक दुर्घटनाओं के मुख्य कारणों में लापरवाही से वाहन चलाना है। इसके अलावा तेज रफ्तार, नशे में गाड़ी चलाना, फि सलन भरी एवं असमतल सडक, वाहनों में खराबी, खराब मौसम, बाहरी मोड़ों पर पैरापिट्स का न होना भी हादसे होने की वजह हैं। वर्ष 2022 में 94.61 प्रतिशत दुर्घटनाएं मानवीय गलतियों के कारण हुई हैं।
वाहन चालकों को सीट बेल्ट पहनने की आदत ही नहीं है।
मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 लगाई जाती है। इसमें लिखा है कि आपने मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 का उल्लंघन किया है, जिसके चलते आपका वाहन मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 207 के तहत जब्त किया जाता है। इतना ही नहीं, इसके बाद गाड़ी कोर्ट से रिलीज करनी पड़ सकती है।

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