भाजपा के विरोध के चलते सरकार ने कम किया बाहरी टैक्सियों का पथ कर
टीम एक्शन इंडिया/कुल्लू/श्याम कुल्वी
हिमाचल प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई है। तभी से वह हिमाचल प्रदेश के पर्यटन उद्योग को बर्बाद करने में तुली हुई है। आए दिन पर्यटन को लेकर सरकार के द्वारा गलत नीतियां बनाई जा रही है। जिसका नुकसान हिमाचल प्रदेश के लाखों पर्यटक कारोबारी को भुगतना पड़ रहा है। पत्रकारों को जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता पंकज जंबाल व हिमाचल प्रदेश भाजपा के मीडिया सह प्रभारी अमित सूद ने बताया कि सरकार के द्वारा सितंबर माह में नई पथ कर नीति लाई। लेकिन इस नई पथकर नीति का भाजपा के द्वारा जमकर विरोध किया गया और भाजपा के विरोध के आगे कांग्रेस सरकार को झुकना पड़ा। कांग्रेस सरकार के द्वारा अब इस नई नीति में बदलाव किया गया है जो कि भाजपा के विरोध प्रदर्शन के कारण ही संभव हुआ है। लेकिन अब कांग्रेस सरकार को चाहिए कि वह इस नीति में भी बाहरी राज्यों से आने वाले टैक्सी चालकों को और अधिक रियायत दे। ताकि इसे हिमाचल प्रदेश के पर्यटन कारोबार को फायदा मिल सके।
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता पंकज जंबाल और मीडिया सह प्रभारी अमित सूद ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार बाहरी राज्यों में अभी भी हिमाचल के पर्यटन का प्रचार नहीं कर पाई है। सर्दियों में केरल, बंगाल, तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों के सैलानी यहां पर बर्फ बारी का मजा लेने के लिए आते हैं। लेकिन आज भी उन राज्यों में सैलानियों को इस बात की जानकारी नहीं है कि हिमाचल में अब सब कुछ सामान्य हो गया है। ऐसे में बाहरी राज्यों में भी हिमाचल के पर्यटन का प्रचार कांग्रेस सरकार के द्वारा सही तरीके से नहीं किया गया है। जिसके चलते अब सैलानी उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर का रुख कर रहे हैं और हिमाचल के पर्यटन स्थल सूने पड़ गए हैं।
वहीं प्रदेश भाजपा प्रवक्ता पंकज जंबाल और प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अमित ने बताया कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन आधारित क्षेत्र है और यहां पर युवाओं को पर्यटन के माध्यम से रोजगार देने की भी आवश्यकता है। कांग्रेस सरकार ने चुनावो से पहले युवाओं के रोजगार को लेकर कई बातें कही थी। लेकिन सत्ता में आने के बाद वह इस बात को भूल गए हैं। कांग्रेस सरकार को सत्ता में आए 10 माह का समय हो गया। उसके बाद भी अभी तक वह ना तो पर्यटन आधारित किसी बड़े उद्योग की स्थापना कर पाए हैं और ना ही किसी युवा को रोजगार उपलब्ध करवा पाए हैं। पर्यटन से ही हिमाचल को हर साल करोड़ों रुपए का राजस्व मिलता है और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बाहरी राज्यों में कांग्रेस सरकार को इसके लिए विशेष प्रचार करने की भी आवश्यकता है।