दिल्ली

यमुना मेंअमोनिया के बढ़ते स्तर से दिल्ली में पानी की कमी हो रही: यादव

टीम एक्शन इंडिया
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि लगातार मानसून की बारिश के बाद जब यमुना का पानी स्वच्छ और नदी साफ सुथरी दिखनी चाहिए, दिल्ली सरकार एक बार फिर यमुना में बढ़ते प्रदूषण और फास्फेट व नाईट्रेट की मात्रा बढ़ने से पानी में झाग ही झाग दिखाई देने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को नकार कर नजदीकी राज्यों के औद्योगिक कचरे को यमुना में प्रदूषण बढ़ने का कारक बता रही है।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार अपनी नाकामियों और अधिकारियों की निष्क्रियता को यमुना में बढ़ते प्रदूषण के लिए क्यों कारण नहीं मानती, जबकि पिछले 10 वर्षों में हजारों करोड़ रुपये यमुना सफाई के नाम पर भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गए है। देवेन्द्र यादव ने कहा कि यमुना में बढ़ते प्रदूषण से पानी के सफेद दिखने पर दिल्ली सरकार को चिंता नही प्रदूषण नियंत्रित करके अमोनिया के स्तर को कम करने के उपाय करने चाहिए।

1370 किमी लम्बी यमुना पल्ला से कांलिदी कुंज तक 54 किमी दिल्ली में बहती है जिस पर जलापूर्ति के लिए दिल्ली की ढाई करोड़ जनसंख्या निर्भर है। उन्होंने कहा कि वजीराबाद से कालिंदी कुंज तक 22 किमी के हिस्से में 76 प्रतिशत प्रदूषण इसी हिस्से में होता है। उन्होंने कहा कि बढ़ते जल प्रदूषण को नियंत्रित करने में फेल केजरीवाल दिल्ली की ढ़ाई जनसंख्या के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रही है।

देवेन्द्र यादव ने कहा कि पिछले 3-5 दिनों से यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने के कारण दिल्ली भीष्ण गर्मी के बाद मानसून में भी जल संकट का सामना कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के जल सयंत्रों में 0.9 पीपीएम ;पार्ट्स पर मिलियनद्ध तक अमोनिया शोधित करने की क्षमता है और वजीराबाद जलाश्य में अमोनिया का स्तर 2.3 पार्टस पर मिलियन से अधिक पहुॅच गया है।

उन्होंने कहा कि बढ़ते अमोनिया के कारण मुनक नहर से क्षमता से कम पानी मिल है, जिससे वजीराबाद, चंद्रावल, हैदरपुर और बवाना का जल संयत्र पूरी तरह प्रभावित हो रहे है। प्रतिदिन 52 एमजीडी पानी कम मिलने के कारण बाहरी दिल्ली, मध्य दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली के कई क्षेत्र पेयजल संकट झेल रहे है। देवेन्द्र यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार यमुना में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए यदि दिल्ली के ड्रेनेज सिस्टम को सुधार कर दिल्ली के 201 प्राकृतिक नालों से गिरने वाले कचरे और सीवरेज के पानी को संशोधित करने के लिए योजना बनाऐ।

यमुना में प्रदूषण का कारण उत्तर प्रदेश और हरियाणा के औद्योगिक कचरे के गिरने के कारण कितना प्रतिशत है इसका आंकलन करके यमुना के जल को संशोधित करके दिल्लीवालों के लिए अधिक मात्रा में उपलब्ध करा सकती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सराकर नजफगढ़ नाला, बारापुला नाला और यमुनापार नाला से गिरने वाले अशुद्ध जल को यमुना में गिरने संशोधित करने की कोई परिपक्व योजना बनाऐ, जिसमें केजरीवाल सरकार पूरी तरह विफल रही है।

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