दिल्ली

ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर ED की कार्रवाई: अवैध रूप से विदेश भेजे गए 4000 करोड़ रुपए

नई दिल्लीः वित्तीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि विदेशों में पंजीकृत और भारत में परिचालन कर रहीं ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के खिलाफ चलाए गए देशव्यापी तलाशी अभियान में उसे करीब 4,000 करोड़ रुपए के अवैध धनप्रेषण का पता लगा है।

ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों से जुड़े 55 बैंक खातों को किया जब्त

ईडी ने एक बयान में कहा कि विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) की विभिन्न धाराओं के तहत कई राज्यों में यह तलाशी अभियान चलाया गया था। इस दौरान ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों से जुड़े 55 बैंक खातों को जब्त किया है जिसमें 19.55 लाख रुपए और 22,600 डॉलर की नकदी पकड़ी गई। जांच एजेंसी ने दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में स्थित 25 ठिकानों पर गत 22-23 मई को तलाशी अभियान चलाया था।

इस दौरान पता चला कि ये ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां और वेबसाइट कराकाव, माल्टा और साइप्रस जैसे छोटे द्वीपीय देशों में पंजीकृत थीं। हालांकि इन सभी कंपनियों का ताल्लुक भारत में फर्जी नाम से खोले गए ऐसे खातों से था जिनका ऑनलाइन गेमिंग से कोई नाता नहीं है। ईडी ने कहा, “ऑनलाइन गेमिंग के जरिए आम लोगों से जुटाई गई रकम को विभिन्न बैंक खातों में घूमा-फिराकर अंत में विदेश भेज दिया जा रहा था। सेवाओं एवं उत्पादों के आयात को इस धनप्रेषण का मकसद बताया जाता था।”

भुगतान के नाम पर करीब 4,000 करोड़ रुपए विदेश भेजे गए

जांच एजेंसी ने कहा कि आयात के एवज में किए जाने वाले भुगतान के नाम पर करीब 4,000 करोड़ रुपए विदेश भेज दिए गए। इसके साथ ही उसने साफ किया कि फेमा कानून, 1999 के तहत रेसिंग, घुड़सवारी या किसी भी अन्य शौक से अर्जित आय को विदेश नहीं भेजा जा सकता है। ईडी ने कहा कि गेमिंग कंपनियों से जुड़े कुछ लोगों ने अपने कर्मचारियों के नाम पर सैकड़ों कंपनियां खोल रखी थीं। इनकी आड़ लेकर ऑनलाइन गेमिंग से अर्जित आय को विदेश भेजा जा रहा था।

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