Hero के सीएमडी पवन मुंजाल पर ED का बड़ा एक्शन, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जब्त की 24.95 करोड़ की संपत्ति
मुंबई
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने हीरो मोटोकॉर्प के कार्यकारी अध्यक्ष पवन कांत मुंजाल के खिलाफ धन शोधन मामले की जांच के तहत उनकी 24.95 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि दिल्ली स्थित मुंजाल की तीन अचल संपत्तियों को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत अस्थायी रूप से कुर्क किया गया है.
बता दें कि बीते 1 अगस्त को भी ईडी ने पहले पीके मुंजाल और संबंधित संस्थाओं व लोगों के संबंध में तलाशी अभियान चलाया था और 25 करोड़ रुपये की कीमती चीजें जब्त करने के साथ-साथ डिजिटल साक्ष्य और अन्य आपत्तिजनक साक्ष्यों को कुर्क कर लिया था. अभी तक करीब 50 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई।
ED ने मुंजाल और उनकी कंपनियों के खिलाफ सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 की धारा 135 के तहत मामला दर्ज किया था. जो राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद दायर किया गया था, जिसमें उन पर अआरोप लगाया गया था कि 54 करोड़ ररुपये के करीब विदेशी मुद्रा/विदेशी मुद्रा अवैध रूप से भारत से बाहर ले जाई गई है.
हीरो मोटोकॉर्प का वैश्विक विस्तार
2011 में हीरो के होंडा (Honda) से अलग होने के बाद मुंजाल ने हीरो मोटोकॉर्प के वैश्विक रूप से काफी विस्तार किया है। हीरो मोटोकॉर्प दुनिया का सबसे बड़ा दोपहिया वाहन निर्माण करने वाला बन गया है। कंपनी का नेटवर्क एशिया, अफ्रीका और दक्षिण व मध्य अमेरिका के 40 देशों में है। आयकर विभाग (Income Tax) ने पिछले साल मार्च में कर चोरी की जांच के तहत मुंजाल और देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी हीरो मोटरकॉर्प पर छापा मारा था। कंपनी के पास आठ जगहों पर निर्माण करने की सुविधा है। इनमें से छह भारत में और एक कोलंबिया (Colombia) व एक बांग्लादेश में है।
ईडी की जांच से पता चला कि पवन कांत मुंजाल ने अन्य लोगों के नाम पर विदेशी मुद्रा/विदेशी मुद्रा जारी कराई और उसके बाद उसका उपयोग विदेश में अपने निजी खर्च के लिए किया. एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा विभिन्न कर्मचारियों के नाम पर अधिकृत डीलरों से विदेशी मुद्रा/विदेशी मुद्रा निकाली गई और उसके बाद पवन कांत मुंजाल के रिलेशनशिप मैनेजर को सौंप दी गई.
रिलेशनशिप मैनेजर पवन कांत मुंजाल की निजी/व्यावसायिक यात्राओं पर हुए निजी खर्च के लिए ऐसी विदेशी मुद्रा को नकद/कार्ड में गुप्त रूप से ले जाता था. रिलेशनशिप मैनेजर विदेशी मुद्रा को कार्ड और कैश के रूप में अवैध तरीके से विदेश लेकर जाता था, मुंजाल ने लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत एक व्यक्ति के लिए साल भर में ढाई लाख डॉलर की लिमिट का तोड़ निकालने के लिए यह तरीका अपनाया था.