बिहार-रोहतास के बाल सुधार गृह की खिड़की से फरार हुए आठ बाल अपराधी, दुष्कर्म-हत्या में थे संलिप्त
रोहतास।
रोहतास जिले के सासाराम स्थित बाल सुधार गृह में मंगलवार की रात उस समय हड़कंप मच गया, जब वहां से आठ बाल अपराधी फरार हो गए। इन सभी को दुष्कर्म, हत्या और चोरी जैसे संगीन मामलों में रखा गया था। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने इलाके में नाकेबंदी कर दी और छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सभी फरार बालकों को सकुशल बरामद कर लिया।
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार रात लगभग आठ बजे बाल सुधार गृह में बच्चों की गिनती के दौरान आठ बाल अपराधी गायब पाए गए। बाल सुधार गृह के अधिकारियों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। इसके बाद आसपास के थानों की पुलिस ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया। देर रात तक छापामारी के बाद सभी फरार बालकों को दरिगांव थाना क्षेत्र के सिकरिया और मलांव गांव के पास से बरामद किया गया।
रोहतास पुलिस अधीक्षक रोशन कुमार ने बताया कि घटना के तुरंत बाद पुलिस ने सघन तलाशी अभियान चलाया और सभी बच्चों को सुरक्षित बरामद कर लिया गया। मामले की जांच की जा रही है और लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कैसे हुई घटना?
बाल सुधार गृह में मौजूद आठ बाल अपराधियों ने योजनाबद्ध तरीके से यह फरार होने की साजिश रची। सबसे पहले बालकों ने बाथरूम के दरवाजे को तोड़ा। इसके बाद खिड़की के ग्रिल में मजबूत और लंबा कपड़ा बांधकर बाहर निकलने का रास्ता बनाया। फिर खिड़की के सहारे बाहर निकलने के बाद सभी ने चहारदीवारी पार कर भागने में सफलता पाई।
संगीन मामलों के आरोपी थे सभी बाल अपराधी
सासाराम के इस बाल सुधार गृह में गंभीर अपराधों जैसे दुष्कर्म, हत्या और चोरी में संलिप्त बालकों को रखा जाता है। इनमें से अधिकांश अपराधी रोहतास जिले के ही रहने वाले हैं। घटना के समय सुधार गृह में नियमित गिनती हो रही थी, तभी आठ बालकों के गायब होने का खुलासा हुआ।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
फरार बाल अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने आसपास के इलाकों में नाकाबंदी की। फिर तलाशी अभियान में सिकरिया और मलांव गांव के आसपास सभी बालकों को पकड़ लिया गया। घटना के पीछे सुधार गृह की सुरक्षा में हुई चूक की जांच की जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
स्थानीय प्रशासन पर सवाल
घटना ने बाल सुधार गृह की सुरक्षा और प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि सुधार गृह में सुरक्षा इंतजाम कमजोर थे, जिसका लाभ उठाकर बाल अपराधी भागने में सफल हुए। हालांकि पुलिस ने बालकों को बरामद कर लिया है और उन्हें फिर से बाल सुधार गृह में रखा गया है। घटना के बाद से सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और बाल सुधार गृह की व्यवस्थाओं में सुधार के निर्देश दिए गए हैं।