हरियाणा

प्रदेश में बायोमेट्रिक हाजिरी में कर्मचारियों की नहीं कोई रुचि

चंडीगढ़/टीम एक्शन इंडिया
हरियाणा में कोविड के बाद भी सरकारी आॅफिसों में बायोमेट्रिक हाजिरी पटरी पर नहीं आ पाई है। इसका खुलासा हरियाणा सिविल सचिवालय के आंकड़ों से हुआ है। राज्य में विभिन्न सरकारी आफिसों में इस प्रणाली से 4.30 लाख कर्मचारी रजिस्टर्ड हैं, लेकिन सिर्फ 86 हजार कर्मचारी ही इस प्रणाली का प्रयोग कर रहे हैं। हाजिरी को लेकर सबसे ज्यादा खराब परफॉर्मेंस स्वास्थ्य, पीडब्ल्यूडी और रोडवेज कर्मचारियों की है।
आॅफिसों में 5,251 लगी हैं मशीनें: हरियाणा में कर्मचारियों की समय से हाजिरी सुनिश्चित करने के लिए 5,251 बायोमेट्रिक मशीनें लगाई हैं। इसके अलावा 354 टैबलेट के जरिए कर्मचारी हाजिरी लगाते हैं। सभी 207 विभागों, बोर्डों, निगमों और वितरण कंपनियों के जिला स्तरीय कार्यालयों में भी बायोमेट्रिक हाजिरी लगाई जाती है। कोविड के दौरान इन मशीनों से हाजिरी लगाने की व्यवस्था को बंद कर दिया गया था।
कर्मचारियों ने मशीनों को बताया खराब: हरियाणा कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने इसके लिए खराब बायोमेट्रिक मशीनों को जिम्मेदार बताया है। संघ पदाधिकारियों का कहना है कि कर्मचारी हमेशा अनुशासित रहता है। उन्होंने कहा कि कार्यालयों में मैन्युअल हाजिरी की व्यवस्था भी इसके साथ शुरू की जानी चाहिए जिससे कार्यालयों की व्यवस्था को सुचारु करने मदद मिल सके। हरियाणा के मुख्य सचिव (स्थापना) के आफिस में कर्मचारियों की उपस्थिति सबसे अच्छी 98 प्रतिशत मिली है। जबकि स्वास्थ्य, शिक्षा, पीडब्ल्यूडी और परिवहन विभाग के कर्मचारी बायोमेट्रिक उपस्थिति में सबसे खराब हैं। इसके अलावा सरकारी पॉलिटेक्निक, तकनीकी विश्वविद्यालय और शहरी स्थानीय निकाय में तैनात कर्मचारी भी उपस्थिति में लापरवाही बरत रहे हैं।
सरकार करेगी सख्ती: मुख्य सचिव कार्यालय के अनुसार बायोमेट्रिक उपस्थिति को लेकर इस खुलासे के बाद सरकार सख्त फैसला लेने की तैयारी कर रही है। अधिकारियों के अनुसार इसमें लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को चिह्नित किया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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