यमुना के पानी के तेज बहाव में जमीन का कटाव
टीम एक्शन इंडिया/गन्नौर
हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी से यमुना नदी के के बेगा घाट पर जब पानी की स्तर घटा तो किसानों के चेहरे पर यमुना का पानी चिंता की लकीरे छोड़ गया। यमुना के पानी में आधा दर्जन से अधिक किसानों की करीब 5 एकड़ जमीन में बुरी तरह से कटाव कर गया। वहीं कटाव के साथ यमुना का पानी गन्ने व अमरूद के बाग में लगे पेड़ों को भी बहा ले गया। क्षेत्र में यमुना के इलाके में आया बाढ़ का पानी और लगातार कम होता जा रहा है। वहीं पानी से हुए बड़ी मात्रा खेतों में हुए कटाव ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी। किसान युनुस नम्बरदार का कहना है कि यमुना के पानी के तजे बहाव में कई एकड़ जमीन यमुना में समा गई है और अभी भी भूमि कटाव लगातार जारी है। लगातार हुई बारिश और अब हथिनीकुंड से बार- बार छोड़े गए पानी से यह खतरा और भी बढ़ सकता है। नम्बरदार ने कहा कि यमुना के जाते वाला हैड से छोड़े गए पानी को लेकर समय से पूर्व अगर प्रशासन द्वारा यमुना के इलाके में बाढ़ को लेकर कोई ठोस प्रबंध नही किए। जिस कारण यमुना के आसपास खड़ी सैकड़ों एकड़ भूमि जलमग्न होने के साथ पानी ठोकरो को तोड़ता हुआ जमीन का कटाव कर गया।
ठोकरो की रिपेयर नही होने से तेज बहाव में बह गया ठोकरों का पत्थर: किसानों का आरोप है कि नहरी विभाग ने ठोकरों की रिपेयर तक नही की। जिस कारण स्थिति काबू में नहीं आई। भूमि कटाव बहुत ज्यादा बढ़ गया ओर पानी कुछ ठोकरों को पत्थरों को भी अपने साथ ही पानी में बहा ले गया। किसान युनस ने बताया कि बेगा घाट पर जमीन के कटाव को रोकने के लिए करीब 8 ठोकरों का लंबे समय से रिपेयर तक नही हुई हे। नई ठोकरों का निर्माण करना तो दूर है। जिसका खामियाजा अब किसानों को भुगतना पड़ेगा। बढ़ रहे भूमि कटाव को लेकर कोई भी उनकी आवाज उठाने को तैयार नही है। ग्रामीणों का कहना है कि विभागीय अधिकारी सही तरीके से काम नहीं कर रहे थे।
यमुना के पानी के बहाव में इन किसानों की जमीन का हुआ कटाव – बेगा गांव के किसान युनुस ने बताया कि किसान गुलशन की एक बीघा, सुखदेव की ढाई एकड़, ईकबाल की ढाई एकड़, युनस की डेढ़ एकड़, कृष्ण की आधा एकड़, बिजेन्द्र की आधा एकड़ जमीन का कटाव हुआ है। किसानों का कहना कि कटाव भी इस तरह से हो गया कि उनकी जमीन भी पूरी नही हो पाएगी। वहां मिट्टी की भरपाई नही हो सकती। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।