हर विद्यार्थी को सबसे पहले सुनने की कला सीखनी चाहिए : प्रीतपाल सिंह
करनाल/टीम एक्शन इंडिया
आए हैं हम दूर-दूर से सबको यह समझाने भेदभाव को मिटा प्यार का, मन में दीप जगाने, देशभक्ति के इस गीत के साथ माउंट लिटरा जी स्कूल के विद्यार्थियों ने आज अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी दिवस के अवसर पर देश की बात कार्यक्रम का आगाज किया। सामाजिक संस्था नेशनल इंटीग्रेटेड फोरम आॅफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टीविस्टस (निफा) द्वारा सहोदय स्कूल काम्प्लेक्स, जेनेसिस क्लासेज व कानन इंटरनेशनल के सहयोग से विगत 26 नवम्बर से शुरू हुए देश की बात कार्यक्रम के तहत आज का मोटिवेशनल सेशन माउंट लिटरा जी स्कूल में रखा गया।
मुख्य वक्ता व निफा के संस्थापक अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नु ने कहा कि आज के दिन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वयंसेवा के वैश्विक दिवस का दर्जा दिया गया है और यह दिन स्वैच्छिक सामाजिक सेवा करने वाले संगठनों व समाज सेवियों के उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए आभार व्यक्त करने का दिन है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया की हर बड़ी यूनिवर्सिटी अपने विद्यार्थियों की दाखिला प्रक्रिया व स्कालरशिप देते समय सामुदायिक सेवा करने वाले विद्यार्थियों को विशेष अहमियत देती है व अक्सर समाजसेवी संवेदनशील व्यक्ति को नौकरी के साक्षात्कार में भी तरजीह दी जाती है। उन्होंने हर विद्यार्थी को सामुदायिक सेवा को सफलता के एक मंत्र के रूप में अपने व्यक्तित्व का हिस्सा बनाने की सलाह दी। 26 नवम्बर से लेकर 26 जनवरी तक लगातार चलने वाले देश की बात कार्यक्रम में निफा के संस्थापक अध्यक्ष द्वारा विद्यार्थियों को एक सफल व जिम्मेदार नागरिक बनने के लिये आवश्यक गुण सिखाये जा रहे हैं। पन्नु ने कहा कि हर विद्यार्थी को सबसे पहले सुनने की कला सीखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें हर समय अपने आसपास अनेक आवाजें सुनाई देती हैं, लेकिन हमें याद वो ही रहती हैं, जिन्हें हम ध्यानपूर्वक सुनते हैं। जो भी विद्यार्थी अपने अध्यापकों की शिक्षा, दादा दादी, नाना नानी, माँ बाप की सलाह, और समाज के प्रबुद्ध लोगों की बातों को ध्यान से सुनकर उसमें से अच्छी बातों को जीवन में लागू करते हैं, वह ही सफलता के शिखर तक पहुँचते हैं।
उन्होंने कहा कि अक्सर हम कहते हैं कि प्रैक्टिस एक व्यक्ति को परफेक्ट बना देती है, लेकिन ये अधूरा सत्य है। अगर व्यक्ति सारी उम्र गलत ड्राइविंग विधि की प्रैक्टिस करता रहे तो वो परफेक्ट ड्राइवर नहीं बन सकता। इसलिए सही ढंग से और सही बात की प्रैक्टिस ही आपको परफेक्ट बनाती है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपना स्वोट परीक्षण करें और इस परीक्षण के माध्यम से अपने व्यक्तित्व की ताक़त व कमजोरियों के अवलोकन करें। साथ ही आपने सामने उपलब्ध अवसरों व बाधाओं का भी विश्लेषण कर जीवन में आगे बड़ें। सही लक्ष्य निर्धारण, सेफ्टी वालव के तौर पर अन्य उपलब्ध अवसरों की जानकारी बहुत से विद्यार्थियों को लक्ष्य प्राप्त न होने पर होने वाले अवसाद वे आत्महत्या के चलन से रोका जा सकता है।
प्रीतपाल पन्नु ने जहाँ विद्यार्थियों को सफलता के 10 सूत्रों की जानकारी दी और रोचक कहानियों के माध्यम से उन्हें समझाया, वहीं जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए राष्ट्रीय चरित्र के निर्माण, राष्ट्र, समाज, परिवार व देश के प्रति विशेष लगाव की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि व्यवस्था व सरकारों से नाराजगी कभी भी देश से नाराजगी में नहीं बदलनी चाहिए। इस अवसर पर आयोजन की मुख्य अतिथि व मुख्य संयोजक माउंट लिटरा जी स्कूल की प्रिंसिपल दीप बेदी ने विद्यार्थियों के चरित्र व कैरियर निर्माण के लिए निफा के इस प्रयास को अभूतपूर्व बताया। उन्होंने कहा कि उनके विद्यार्थी आज के मोटिवेशनल उद्बोधन में कही गई सभी बातों पर चिंतन करेंगे व उन्हें अपने जीवन में लागू करेंगे।
कार्यक्रम में निफा की आजीवन सदस्य व सीजीसी की अध्यक्ष अंजू शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया और विद्यार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने बच्चों से अपने मन के भावों को खुलकर व्यक्त करने के लिए कहा और मुखर होकर अपनी बात कहने के लिए प्रेरित किया। कानन इंटरनेशनल से दलेर सिंह ने भी इस अवसर पर अपना संबोधन दिया। कार्यक्रम में निफा के जिÞला सचिव हितेश गुप्ता, जिला कार्यकारिणी सदस्य सतिंदर गांधी, जेनेसिस क्लासेज के अन्य उपक्रम प्रथम की शैक्षणिक प्रबंधक मोनिका व ज्योति सहित विद्यालय का शैक्षणिक स्टाफ भी उपस्थित रहा।
निफा द्वारा विद्यालय स्तर पर करवाई गई पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में भी माउंट लिटरा जी स्कूल के विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस प्रतियोगिता में धैर्य ने मेरे सपनों का भारत विषय पर बनाये अपने पोस्टर के लिए प्रथम स्थान प्राप्त किया। दूसरा स्थान तिया अरोड़ा व तीसरा स्थान यशवर्धन सिंगला को मिला। इन तीनों विद्यार्थियों को विशेष सम्मान व प्रशस्ति पत्र दिये गये, जबकि अन्य सभी को प्रतिभागता के लिए प्रमाण पत्र दिये गये।