अन्य राज्यछत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में आदिवासी इलाकों में ज्यादा वोटिंग ने सरकार बढ़ाई चिंता

रायपुर.

किसी भी राज्य में चुनाव के वक्त आमतौर पर शहरी क्षेत्र के मतदाताओं को अधिक जागरूक समझा जाता है। लेकिन छत्तीसगढ़ में अगर वोटिंग पैटर्न को देखें तो विकास के मामले में पिछड़े आदिवासी मताधिकार के प्रयोग में सबसे आगे हैं। छत्तीसगढ़ में शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में वोट सबसे ज्यादा पड़ते हैं। आखिरकार इसके पीछे की वजह क्या है, हम आपको नीचे कुछ आंकड़ों के माध्यम से समझाएंगे। छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां शहरी क्षेत्र में वोट का प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र की अपेक्षा कम आंका जाता है।

छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्र में लोग ग्रामीण और आदिवासी इलाकों की अपेक्षा कम वोट करते हैं। इसके पीछे की वजह है यह है कि प्रदेश में 90 विधानसभा सीट हैं जिसमें से 39 विधानसभा सीटें आदिवासी क्षेत्र से आते हैं। 10 सीटें अनुसूचित जाति के लिए और 29 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां धान की खेती भरपूर मात्रा में की जाती है। साल 2013 विधानसभा के चुनाव में 1 करोड़ 68 लाख 95 हजार 762 मतदाताओं की संख्या प्रदेश में थी, जिनमें 1 करोड़ 30 लाख 85 हजार 884 ने वोट दिया था। इस साल वोटिंग फीसद 77.45 था।  इस साल कुल एससी वोटरों की संख्या 2032963 थी। इनमें 1556825 एससी वोटरों ने अपने मत का प्रयोग किया था। इनकी वोटिंग फीसद 76.58 थी।

2013 में शहरों का वोट का प्रतिशत
बिलासपुर  60.72, रायपुर ग्रामीण 65.22, रायपुर पश्चिम  64.26, रायपुर उत्तर  64.41, रायपुर दक्षिण 66.92, दुर्ग ग्रामीण  73.05, दुर्ग शहर-  68.16, भिलाई नगर  64.12, कोरबा  69.98 रहा है। वहीं दूसरी तरफ SC और ST सीटों पर नज़र डाले तो.. भरतपुर सोनहत (ST) 82.08, प्रतापपुर (ST) 83.78,रामानुजगंज (ST)  85.91, सामरी  (ST)  83.39, लुंड्रा  (ST)86.49, सीतापुर (ST)  82.92,जशपुर (ST)  78.28,कुनकुरी (ST)  78.83,पत्थलगांव  (ST) 81.34, लैलूंगा  (ST) 86.76, सारंगढ़ (SC)  81.88, धरमजयगढ़ (ST) 88.06, रामपुर  (ST)  84.08, पाली तानाखार  (ST)  80.41, मरवाही  (ST)  83.92, मुंगेली (SC)  71.35, मस्तूरी  (SC)  74.88, पामगढ़ (SC)  72.16, सरायपाली  (SC)  83.20, बिलाईगढ़  (SC)  72.51,आरंग  (SC)  77.79, बिंद्रानवागढ़  (ST) 83.66,सिहावा  (ST)  81.92, डोंडीलौहारा  (ST)  81.41, अहिवारा  (SC)  75.48, नवागढ़ (SC)  75.82,डोगरगढ़  (SC)  82.57, मोहला मानपुर  (ST)  80.55,अंतागढ़  (ST)  77.34, भानुप्रतापपुर  (ST)  79.25, कांकेर  (ST)  79.12, केशकाल  (ST)  83.47,कोंडागांव  (ST)  84.78,नारायपुर  (ST)  70.28, बस्तर (ST)  84.29,चित्रकूट (ST) 79.11,दंतेवाड़ा  (ST)  62.03,बीजापुर (ST)  45.01, कोंटा (ST)  48.36 रहा है। 

वहीं साल 2018 के विधानसभा चुनावों पर नज़र डाले तो इस साल विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 85 लाख 88 हजार 520 थी। इसमें 1 करोड़ 42 लाख 90 हजार 497 ने वोट दिया.इस साल वोटिंग फीसद 76.88 रहा। जिसमें विधानसभा चुनाव में एससी वोटरों की कुल संख्या 2257034 थी। इनमें 1685986 वोटरों ने अपने मत का प्रयोग किया था। इस साल इनका वोटिंग फीसद 74.70 था। साल 2018 के वोट के आकड़ो को विधानसभा सीट के अनुसार देखें तो… बिलासपुर   61.60,रायपुर ग्रामीण 61.16,रायपुर पश्चिम 60.50,रायपुर उत्तर  60.35,रायपुर दक्षिण 61.73,दुर्ग ग्रामीण  74.60,दुर्ग शहर- 69.10,भिलाई नगर  67.53, कोरबा  71.54 प्रतिशत रहा है।

साल 2018 में ST और ST सीटों पर नज़र डालें तो.. भरतपुर सोनहत  (ST) 83.93,प्रतापपुर (ST) 84.04,रामानुजगंज    (ST)  82.14,सामरी  (ST)  82.50,लुंड्रा   (ST) 85.99,सीतापुर (ST)  81.36,जशपुर   (ST)  76.91,कुनकुरी (ST)  78.05पत्थलगांव   (ST) 80.77,लैलूंगा (ST) 84.96,सारंगढ़   (SC)  79.91,धरमजयगढ़  (ST) 86.20,रामपुर  (ST)  83.40,पाली तानाखार   (ST)  81.83,मरवाही   (ST)  81.15,मुंगेली (SC)  69.91,मस्तूरी  (SC)  69.12,पामगढ़   (SC)  70.88,सरायपाली  (SC)  83.07,बिलाईगढ़   (SC)  71.75,आरंग  (SC)  76.83,बिंद्रानवागढ़ (ST) 85.74,सिहावा   (ST)  82.75,डोंडीलौहारा  (ST)  80.99,अहिवारा   (SC)  73.26,नवागढ़  (SC) 73.10,डोगरगढ़  (SC)  82.75,मोहला मानपुर  (ST)  80.36,अंतागढ़ (ST)  75.26,भानुप्रतापपुर (ST)  77.68,कांकेर   (ST)  79.20,केशकाल (ST)  81.90,कोंडागांव  (ST) 83.79,नारायणपुर   (ST)  75.08,बस्तर (ST)  84.03,चित्रकूट  (ST)80.71,दंतेवाड़ा  (ST)  60.66,बीजापुर  (ST)  48.93,कोंटा  (ST) 55.32 पर मतदान का प्रतिशत रहा है। कुल मिलाकर देखा जाए तो पिछले चुनाव में शहरी इलाकों लगभग 60 से 70 प्रतिशत मतदान होते हैं तो वहीं गाम्रीण या आदिवासी इलाकों में यह आकंड़ा 80 फीसदी के करीब रहता है। साफ तौर पर देखा जाए तो छत्तीसगढ़ में ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में मतदाताओं का बोलबाला रहता है। यहां मतदाता‌ शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ज्यादा‌ वोट करता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button