अन्तर्राष्ट्रीय

गाजा में तबाही की इंतहा: भूख-प्यास से तड़पते लोग, बमबारी के बीच गूंजती युद्धविराम की पुकार

गाजा 

गाजा में इजरायली हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. यहां के लोग दोतरफा मार का शिकार हो रहे हैं. एक तरफ बारूद और दूसरी तरफ भूख, दोनों फिलिस्तीनियों की जान के दुश्मन बने हुए हैं. युद्ध की भयावहता अब उस स्तर पर पहुंच चुकी है, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती. इन हालातों को देखते हुए ब्रिटेन, कनाडा, जापान समेत 26 देशों ने गाजा में तत्काल युद्धविराम की अपील की है.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने गाजा में राहत की उम्मीद में खाने के लिए जुटे 800 से ज्यादा लोगों की मौत को असहनीय और अमानवीय करार देते हुए इजरायल की आलोचना की है. यह पहली बार नहीं है जब यूरोपीय देश युद्धविराम की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी आवाज इजरायली सत्ता के कानों तक नहीं पहुंच सकी. गाजा के लोगों के दर्द की गूंज ब्रिटिश संसद में भी गूंजी है.

लंदन के सांसद एंडी स्लॉटर ने कहा, "हर सुबह नए कत्लेआम, नई विस्थापन की तस्वीरें आती हैं. लोग कतारों में लगकर रोटी मांगते हैं और वहीं गोली खा जाते हैं. अब वक्त है कि केवल बयान नहीं, ठोस कार्रवाई हो." उनकी यह अपील सीधे ब्रिटिश सरकार और विदेश मंत्रालय को थी कि अब केवल निंदा करने से काम नहीं चलेगा. सबको मिलकर इजरायल पर असरदार दबाव बनाने की कोशिश करनी चाहिए.

पोप लियो की पुकार, बंद करो नरसंहार

रविवार को वेटिकन से पोप लियो ने भी गाजा में हो रहे नरसंहार को लेकर अपनी एंजेलस प्रार्थना में तत्काल युद्धविराम की मांग की है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर और मानवाधिकार कानूनों का सम्मान करते हुए निर्दोष नागरिकों की रक्षा की जाए. उनका कहना था कि राहत सामग्री के रास्ते खोले जाएं, ताकि फंसे हुए लोगों को तत्काल राहत सहायता मिल सके.

कतर में हो रही अप्रत्यक्ष बातचीत जारी

वहीं, कतर की राजधानी में अमेरिका की मध्यस्थता में हमास और इजरायल के बीच युद्धविराम को लेकर अप्रत्यक्ष वार्ता चल रही है. युद्धविराम और बंधकों की अदला-बदली को लेकर बातचीत जारी है, लेकिन अब तक कोई व्यावहारिक सफलता नहीं मिली है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी गाजा की स्थिति को अमानवीय और क्रूर बताते हुए युद्ध को तत्काल रोकने की मांग की है. 

इलाज के बिना दम तोड़ रहे मासूम बच्चे

उन्होंने कहा, "हमने गाजा में संयुक्त राष्ट्र की राहत कतारों पर लोगों को गोली मारते देखा है. यह एक बर्बर और नीच हरकत है, जिसकी मैं घोर निंदा करता हूं. युद्धविराम, बंधकों की रिहाई और मानवीय मदद की अबाध पहुंच प्राथमिक आवश्यकता है." गाजा के रंतिसी अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर राघेब वारशाघा ने बताया कि गंभीर रूप से बीमार बच्चे इलाज के बिना दम तोड़ रहे हैं. 

कुपोषण, दूध की कमी से जूझ रही मांएं

नवजात बच्चों को जन्म देने वाली मांएं कुपोषण और दूध की कमी से जूझ रही हैं. अस्पतालों में दवाएं खत्म हो चुकी हैं. गाजा में अब भोजन का संकट जानलेवा हो चुका है. लोग अपने घरों से निकलकर बंद रसोई के बाहर लाइन लगाकर बैठ जाते हैं. हाथों में खाली बर्तन और आंखों में भूख. लेकिन रसोई भी अब खाली हो चुकी है. जो भी चूल्हा जलता था, अब वो राख हो चुका है.

59 हजार मौतें, खंडहर में तब्दील गाजा

गाजा में इजरायली हमलों में अबतक 59 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है. इजरायली सेना जमीनी और हवाई दोनों मोर्चों पर हमले तेज कर चुकी है. महिलाओं और बच्चों को भी निशाना बनाया जा रहा है. जो जिंदा हैं, वे भूख से मरने को मजबूर हैं. दुनिया के 26 देशों का संयुक्त बयान, संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी, पोप लियो की प्रार्थना और कतर में चल रही बातचीत नरसंहार को रोकने की कोशिश है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button