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कृषि, उद्यानिकी और फल उत्पादन की उन्नत तकनीकी प्रबंधन की जानकारी के लिए कृषक दल जाएंगे स्पेन : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

कृषि, उद्यानिकी और फल उत्पादन की उन्नत तकनीकी प्रबंधन की जानकारी के लिए कृषक दल जाएंगे स्पेन : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रदेश के प्राकृतिक खेती और हरित ऊर्जा पर आधारित उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर करेंगे प्रोत्साहित
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सफल दुबई-स्पेन यात्रा के लिए मंत्रीगण ने किया अभिवादन
मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मुख्यमंत्री ने मंत्रीगण को किया संबोधित

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि 13 से 19 जुलाई तक दुबई-स्पेन की सफल निवेश यात्रा से प्रदेश को वैश्विक निवेश के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान मिली है और यूरोप तथा खाड़ी देशों में यह संदेश पहुंचा है कि मध्यप्रदेश निवेश मित्र राज्य है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि इस यात्रा में कुल 11 हजार 119 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिससे लगभग 14 हजार से अधिक रोजगार सृजन की संभावना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रीगण को संबोधित कर रहे थे। दुबई-स्पेन की सफल निवेश यात्रा के लिए मंत्रीगण ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को पुष्प गुच्छ और अंगवस्त्र भेंट कर उनका अभिवादन किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्पेन में उद्यानिकी, फल उत्पादन और कृषि क्षेत्र का प्रबंधन सराहनीय और अनुकरणीय है। इस क्षेत्र में आधुनिकतम तकनीक अपनाने के लिए प्रदेश के कृषक दलों को स्पेन भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि वस्त्र व्यवसाय में लगे अंतर्राष्ट्रीय समूह, हरित ऊर्जा के उपयोग और प्राकृतिक खेती से उत्पादित सामग्री को विशेष महत्व देते हैं। इस दृष्टि से मध्यप्रदेश के उत्पादों का अंतर्राष्ट्रीय बाजार में विशेष महत्व है। राज्य सरकार प्रदेश के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहित करने की पहल करेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दुबई, मैड्रिड, बार्सिलोना में आयोजित “इन्वेस्ट इन मध्यप्रदेश’’ कार्यक्रम एवं “प्रवासी भारतीयों से चर्चा’’ में 1000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। मध्यप्रदेश में टेक्समास (दुबई) के साथ एमओयू हुआ है। अरब देशों में मध्यप्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने के लिये अरब चैम्बर ऑफ कामर्स के साथ भी एमओयू किया गया। इसी तरह निवेश, तकनीकी सहयोग और सतत ‍डिजिटल अधोसंरचना विकास के लिये सबमर टेक्नॉलाजीस एस.एल. के साथ एमओयू किया गया। दुबई में इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्टील मेन्युफेक्चरिंग, हॉस्पिटैलिटी, डिफेंस, वेयरहाउसिंग और सस्टेनेबल सिटी जैसे क्षेत्रों में कम्पनियों से कुल 6801 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। स्पेन में डिजिटल, टेक्सटाइल, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन में कम्पनियों से 4318 करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिसमें उन्नत बायोफ्यूल और एसएएफ प्रोजेक्ट्स में 4000 करोड़ रुपये का एक बड़ा निवेश प्रस्ताव भी शामिल है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह यात्रा मध्यप्रदेश को निवेश के नए क्षेत्रों में व्यापार की संभावनाएं बनाने और उसे वैश्विक मंच पर एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने में अभूतपूर्व रूप से सफल रही है। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी और सांस्कृतिक संबंध भी मजबूत होंगे।

महाकाल की सवारी में मंत्रीगणों को किया आमंत्रित

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संपूर्ण वैश्विक जगत में विख्यात 12 ज्योतिर्लिंगों में से उज्जैन की धरती पर भूतभावन महाकाल बाबा विराजमान हैं। श्रावण तथा भाद्र मास में बाबा महाकाल की सवारी के रूप में आमजन के बीच पहुंचते हैं। बाबा महाकाल की सवारी का स्वरूप प्रत्येक सोमवार को अलग-अलग रूप में देखा जाता है। बाबा महाकाल की गौरवशाली सवारी में उपस्थित होने के लिए मंत्रि-परिषद के सभी साथियों के लिए उज्जैन के स्थानीय प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्था की गई।

अब तक 21 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरित

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खरीफ-2025 के लिए कुल उपलब्ध उर्वरक 31.52 लाख मीट्रिक टन था, जिसमें से 20 जुलाई तक 21.05 लाख मीट्रिक टन वितरण हो चुका है। विपणन संघ के डबललॉक केन्द्रों पर इलेक्ट्रॉनिक टोकन सिस्टम लगाने की व्यवस्था कराई जा रही है। डबललॉक केन्द्रों पर किसानों को सुविधा से, व्यवस्थित ढंग से उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले के लिये ट्रांजिट रेक, प्राप्त होने वाली संभावित रेक, जिले में उपलब्ध स्कंध का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये एवं इसकी जानकारी समस्त जन-प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराई जाये। विपणन संघ के विक्रय केन्द्रों एवं पैक्स में निर्धारित अनुपात अनुसार उर्वरक का भंडारण करवाया जा रहा है। रासायनिक उर्वरकों की विक्रय दरों का अनुमोदन किया गया है।

जैव-विविधता एवं पर्यावरण संरक्षण की पहल

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जैव विविधता से सम्पन्न क्षेत्रों की पहचान कर उक्त क्षेत्र में सतत संरक्षण के लिये बायोस्फियर रिजर्व स्थापित किये जा रहे हैं। बायोस्फियर रिजर्व घोषित होने से उक्त क्षेत्र में सतत विकास और जैव विविधता एवं पर्यावरण का संरक्षण सुनिश्चित होता है। पचमढ़ी क्षेत्र को 1999 में, अचानकमार-अमरकंटक को 2011 में एवं पन्ना को 2011 में बायोस्फियर रिजर्व घोषित किया गया है। लगभग 15 वर्षों के अंतराल के बाद राज्य शासन के प्रयास एवं पहल से कान्हा, पेंच एवं बांधवगढ़ को भी बायोस्फियर रिजर्व घोषित किये जाने के लिये प्रोजेक्ट डॉक्यूमेंट तैयार कर भारत सरकार/यूनेस्को को प्रेषित किये गये हैं तथा इन्हें यूनेस्को के वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फियर रिजर्व में नामांकित करने के लिये प्रयास करेंगे। इससे पर्यावरण संरक्षण एवं पर्यटन तथा रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव का खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल, कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल तथा लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने अभिवादन किया। मंत्रि-परिषद की बैठक राष्ट्रगीत वंदे-मातरम के सामूहिक गायन के साथ प्रारंभ हुई।

 

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