हरियाणा में हुई किसान भाइयों की चांदी, नायब सरकार ने 2 लाख से ज्यादा किसानों के खातों में डाले 300 करोड़
चंडीगढ़.
प्रथम पातशाह गुरु नानक देव के 555वें प्रकाश पर्व पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को 2 लाख 62 हजार किसानों के बैंक खातों में 300 करोड़ रुपये की बोनस राशि डाल दी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए एक और पहल करते हुए वॉट्सऐप के माध्यम से 40 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण का भी शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने खरीफ सीजन के दौरान प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण राज्य में उत्पादित की जा रही कृषि एवं बागवानी फसलों पर 2000 रुपये प्रति एकड़ बोनस देने का फैसला किया था। इसके तहत 16 अगस्त को पांच लाख 80 हजार किसानों के खाते में 496 करोड़ रुपये की बोनस राशि डाली गई थी।
94 हजार किसानों के खातों में भी आएगी राशि
शुक्रवार को 2.62 लाख किसानों को बोनस राशि दिए जाने के बाद अब शेष चार लाख 94 हजार किसानों की 580 करोड़ रुपये की बोनस राशि भी अगले 10 से 15 दिन में खाते में डाल दी जाएगी। मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर जिन किसानों ने अपना पंजीकरण करवाया हुआ है, उन सभी किसानों को यह बोनस राशि दी जाएगी। कुल 1380 करोड़ रुपये की राशि किसानों को दी जानी है।
किसानों को अब वाट्स-एप के माध्यम से मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जाएंगे। जैसे ही मिट्टी के नमूने के परीक्षण के परिणाम पोर्टल पर ऑनलाइन होंगे, मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों के वॉट्सऐप नंबर पर पहुंच जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हर तीन वर्ष के बाद मृदा की जांच करके किसानों को अपने खेतों में बीज की मात्रा, आवश्यक उर्वरकों का उपयोग जैसी जानकारियां दी जाती हैं, जिससे वे अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार खाद डालने के लिए प्रोत्साहित होंगे। साथ ही समय पर वितरण से किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड का उपयोग बढ़ेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी।
106 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं में मिट्टी के नमूनों का परीक्षण
हरियाणा में 20-25 किलोमीटर की परिधि में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की उपलब्धता है। राज्य में 106 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं हैं, जहां मिट्टी के नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है। यह सभी मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं नवीनतम उपकरणों से लैस हैं। विभाग ने इस कार्य के लिए अपना पोर्टल विकसित किया है, जहां मृदा स्वास्थ्य कार्ड के रूप में फसलों में उर्वरक डालने के लिए परामर्श तैयार किया जाता है।