
बाल श्रम करवाने पर जुर्माना व 6 माह का कारावास
बाल श्रम रोकथाम के लिए जिला में 30 जून तक चलेगा जागरूकता अभियान
राजन पुरी
ऊना: बाल श्रम करवाना कानूनी अपराध है। यदि कोई बाल श्रम करवाता हुआ पकड़ा जाता है, तो उसे बाल एवं किशोर श्रम अधिनियम 1986 के तहत पचास हजार रुपए जुमार्ना व छह माह का कारावास हो सकता है। यह जानकारी उपायुक्त जतिन लाल ने दी। डीसी ने बताया कि बाल मजदूरी पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से 30 जून तक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बाल श्रम एक अभिशाप है तथा इसको खत्म करना हम सब का दायित्व बनता है। उपायुक्त ने कहा कि यदि कोई 18 वर्ष से कम आयु का बच्चा चाय की दुकानों, ढाबों, होटलों, कबाड़ की दुकान, ईंट भ_ों, कारखानों व शराब की दुकानों व निर्माण कार्य स्थलों पर काम करता हुआ पाया जाता है, तो इसकी सूचना जिला श्रम अधिकारी सोहन लाल, जिला बाल संरक्षण अधिकारी कमलदीप सिंह और संरक्षण अधिकारी अभिमन्यु कपूर को दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इस कदम से बच्चों को बाल से श्रम से मुक्त करवाकर उनका पुनर्वास के साथ-साथ बच्चों को इस सामाजिक अभिशाप से मुक्ति दिलाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि बाल श्रम को रोकथाम के लिए आम जनता के साथ-साथ कारोबारियों से भी अनुरोध है कि जिला प्रशासन का सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि बाल श्रम को रोकने में समाज के प्रति उनका ये बहुत बड़ा योगदान होगा।