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पंजाब के गुरुद्वारे में फायरिंग, निहंग ने ले ली एक पुलिसवाले की जान

कपूरथला

 

गुरुवार तड़के कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में निहंगों के साथ झड़प में पंजाब पुलिस के एक कांस्टेबल की मौत हो गई, जबकि पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए। मृतक कांस्टेबल की पहचान जसपाल सिंह के रूप में हुई है, जो सुल्तानपुर लोधी पुलिस स्टेशन में तैनात था। मुख्य गुरुद्वारा बेर साहिब के सामने स्थित गुरुद्वारा अकाल बुंगा पर नियंत्रण को लेकर दो निहंग समूह पिछले तीन दिनों से आमने-सामने थे।

गुरुवार सुबह स्थिति तब बिगड़ गई जब पुलिस ने मान सिंह के नेतृत्व वाले निहंग समूह से गुरुद्वारा खाली कराने की कोशिश की। उसके सदस्यों ने पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें पुलिस कांस्टेबल की मौत हो गई और पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए, जो फिलहाल स्थानीय अस्पताल में भर्ती हैं।

27 नवंबर को प्रथम सिख गुरु गुरु नानक देव की जयंती से पहले इलाके में तनाव व्याप्त है। मिल रही जानकारी के अनुसार, भारी हथियारों से लैस निहंगों ने गुरुद्वारे को अंदर से बंद कर दिया है। पुलिस ने पूरे इलाके की बैरिकेडिंग कर दी है और निहंग समूह से कब्जा खाली कराने के लिए बातचीत शुरू कर दी है।

आपको बता दें कि पहले गुरुद्वारे पर पटियाला स्थित बाबा बुड्ढा दल बलबीर सिंह का कब्जा था, लेकिन 21 नवंबर को उनके विरोधी गुट मान सिंह ने गुरुद्वारे के दो कर्मचारियों के साथ बेरहमी से मारपीट कर गुरुद्वारे पर अवैध कब्जा कर लिया।

पुलिस ने पहले ही 21 नवंबर को हत्या के प्रयास और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है और बुधवार को मान सिंह समूह के 10 निहंगों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों गुटों में 2020 में भी झड़प हुई थी जिसमें एक निहंग की मौत हो गई थी।

निहंग सिख योद्धाओं का एक समूह है जिसकी उत्पत्ति 1699 में गुरु गोबिंद सिंह द्वारा खालसा के निर्माण से हुई है। वे अपने नीले वस्त्र और सजी हुई पगड़ी से पहचाने जाते हैं। वे अक्सर तलवार और भाले जैसे हथियार लेकर चलते हैं।

2020 में निहंग प्रदर्शनकारियों ने पटियाला में एक पुलिस अधिकारी का हाथ काट दिया था जब वह कोविड लॉकडाउन लगाने की कोशिश कर रहा था।

 

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