कोटा से बिहार के लिए चली पहली स्पेशल ट्रेन छात्रों को लेकर पहुंची बरौनी

बेगूसराय । एएनएन (Action News Network)
देश के चर्चित शैक्षिक हब राजस्थान के कोटा से छात्रों को लेकर बिहार के लिए चली सबसे पहली छात्र स्पेशल ट्रेन सोमवार की सुबह 5:30 बजे बरौनी जंक्शन पहुंच गई। ट्रेन में बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, मुंगेर, भागलपुर और बांका के 1271 छात्र-छात्राएं थीं। बरौनी जंक्शन पर छात्र-छात्राएं जब ट्रेन से उतरीं तो उनके चेहरे पर घर लौटने की खुशी देखते ही बन रही थी। पहली बार ऐसा हुआ कि इन लोगों को स्टेशन पर माता-पिता के बदले प्रशासन के लोगों ने रिसीव किया लेकिन इसके बाद भी उनके चेहरे पर घर वापसी की खुशी देखते ही बन रही थी।
कड़ी सुरक्षा के बीच स्टेशन पर उतरने के बाद बनाए गए काउंटर पर पंजीकरण के बाद अलग-अलग बसों से उन्हें प्रखंड मुख्यालय भेज दिया गया जहां स्क्रीनिंग के बाद उन्हें घर भेज दिया जाएगा। दूसरी ओर इसी ट्रेन से आए भागलपुर और लखीसराय जिले के छात्रों को संबंधित जिला प्रशासन के संरक्षण में बस से उनके जिले भेज दिया गया है। इधर, सोमवार को अहले सुबह ट्रेन के आने से पहले ही डीएम अरविन्द कुमार वर्मा और एसपी अवकाश कुमार के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम बरौनी जंक्शन पहुंच गई थी। वहां स्वास्थ्य और रेलवे के अधिकारी एवं कर्मचारी पहले से ही मौजूद थे। ट्रेन के ठीक 5:30 बजे बरौनी जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर चार पर पहुंचते ही सुरक्षा बलों ने उसे घेर लिया तथा बारी-बारी से काउंटर पर स्कैनिंग के बाद हाथ पर मुहर मारकर सभी को जंक्शन से बाहर निकाला गया।
इसके बाद बेगूसराय जिले के सभी प्रखंडों के लिए खड़ी अलग-अलग बस से उन्हें नोडल अधिकारियों की देख-रेख में पुलिस बल के साथ प्रखंड मुख्यालय भेज दिया गया है जहां सभी छात्र-छात्राओं को 14 दिन के लिए होम क्वारेन्टाइन कर नियमित स्वास्थ्य जांच की जाएगी। यहा उतरे मुंगेर एवं भागलपुर प्रमंडल के सभी जिलों के लिए छात्रों के लिए भी वाहन की व्यवस्था की गई थी। जंक्शन पर पंजीकरण के बाद खगड़िया के चार, शेखपुरा के तीन, बांका के चार, भागलपुर के सात, लखीसराय के पांच, जमुई के पांच तथा मुंगेर के पांच बच्चे बसों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रवाना हो गए। बरौनी पहुंची मनीषा, पायल रोहित आदि ने बताया कि लॉकडाउन के बाद कोटा में हम लोगों को काफी परेशानी हो रही थी।
क्लास बंद हो गया था, मेस भी बंद हो गए थे। खाने -पीने की समस्या थी, सरकार की व्यवस्था बिल्कुल ही बेकार थी। ट्रेन में भी जलालत झेलनी पड़ी। हम लोगों का स्लीपर में सीट अलॉट थी लेकिन उसमें दूसरे लोगों को बैठाकर हम लोगों को जनरल बोगी में लाया गया। इसमें भी पूरे रास्ते पानी ही नहीं मिला, जो खाना मिला वह भी बेकार था। ट्रेन में कहीं कोई सोशल डिस्टेंस नहीं, एक सीट पर तीन-तीन छात्र- छात्राओं को बैठाया गया था। हम लोग अपनी कोचिंग की तरफ से मिले नाश्ता के सहारे यहां पहुंचे। कोटा में पढ़ाई और मेस बंद हो गया तो भय का माहौल बना हुआ था, लेकिन अब अपने घर पहुंच गए हैं तो काफी राहत महसूस हो रही है।
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