हरियाणा

नौकरियों में पांच अंकों का प्रावधान जारी रहेगा: सीएम सैनी

टीम एक्शन इंडिया
चंडीगढ़: हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में भर्ती के समय कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को सामाजिक आर्थिक आधार पर पांच अंक देने के प्रावधान को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा असंवेधानिक ठहराए जाने के बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराने पर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि अंत्योदय उत्थान के नजरिए से लागू किया गया पांच अंक का प्रावधान जारी रखा जाएगा।उन्होंने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समाधान पुनर्विचार याचिका दायर कर या विधानसभा में विधेयक पेशकर किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट में पांच अंको के मुद्दे पर हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराए जाने के तुरंत बाद नायब सैनी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रदेश में पांच अंको के आधार पर की गई ग्यारह हजार भर्ती के रद्द होने जैसी स्थिति नही आने दी जाएगी।साथ ही सैनी ने कहा कि इसी सप्ताह पचास हजार और सरकारी नोकरी दी जायेंगी।
नायब सैनी ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार ने बिना पर्ची और बिना खर्ची के योग्यता के आधार पर नोकरी देने का माहौल बनाया था।

अंत्योदय के आधार पर ऐसे अभ्यर्थियों को भी नौकरी दी गई जिनके परिवार में कोई अन्य सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं था। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर स्थिति में भी थे। उन्होंने कहा कि इससे पहले कांग्रेस के शासन में बगैर पैसे के किसी को नोकरी नही मिलती थी।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने करीब दस साल के शासन में बगैर पर्ची और खर्ची के एक लाख बत्तीस हजार सरकारी नोकरी दी है।भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला अपने दस साल के शासन में दी गई नौकरियों पर श्वेत पत्र जारी करें। कांग्रेस ने तो हमेशा ओबीसी का शोषण किया है। सैनी ने कहा कि 7 दिसंबर 2018 को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार की पांच अंक नीति की सराहना की थी।अभी भर्ती रोको गैंग समस्याएं खड़ी कर रही है।मुख्यमंत्री ने इससे पहले ओबीसी की क्रीमी लेयर आठ लाख करने और ओबीसी आरक्षण 27फीसदी करने का भी ऐलान किया था।

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