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वन और खनिज माफियाओं के बढ़ते हमले से वनकर्मी चिंतित मांगे हथियार चलाने के अधिकार

भोपाल

प्रदेश  में वन और खनिज माफियाओं के आतंक के शिकार आए दिन वनकर्मी हो रहे हैं। जिसकों लेकर डिप्टी रेंजर और नाकेदार इन दिनों खासा परेशान है। अभी हाल में ही भोपाल के नजीराबाद में हुए वनकर्मी पर प्राणघातक हमले के बाद वनकर्मियों ने आत्मरक्षा के लिए अत्याधुनिक हथियार देने और आत्मरक्षा में हथियार चलाने के अधिकार को लेकर विभाग से गुहार लगा रहे हैं।

गौरतलब है कि विभाग ने 350 डिप्टी रेंजरों को रिवाल्वर और साढ़े तीन हजार नाकेदारों को डबल बोर का बंदूक थमा तो दी है, लेकिन वनकर्मियों को इसे आत्मरक्षा के लिए विभाग ने चलाने का कोई अधिकार नहीं दिया है। डिप्टी रेंजरों ने विभाग से अत्याधुनिक हथियार और आत्मरक्षा में चलाने के लिए विभाग से लगातार गुहार कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक 9 फरवरी वर्ष 2022  लटेरी कांड के बाद एक वनकर्मी के ऊपर 302 का केस दर्ज होने के बाद  विरोध स्वरूप में वनकर्मियों ने अपने सारे हथियार मालखाने में जमा कर दिए। पिछले 16 महीने से वनकर्मी बगैर हथियार के जंगलों की रक्षा में तैनात है। वनकर्मियों ने बताया कि अगर विभाग पुलिस के समान बंदूक चलाने का  अधिकार नहीं देता है तो आए दिन वन और खनिज माफियाओं के आंतक का शिकार वनकर्मी होते रहेंगे। वनकर्मियों की सुरक्षा और आत्मसुरक्षा को लेकर विभाग ने कोई ठोस नहीं नहीं बनाई है।

किसी प्रकरण में बड़ी सजा नहीं
वनकर्मियों ने बताया कि पिछले 13 महीने में  किसी भी वन और खनिज माफिया पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है। छोटी- मोटी कार्रवाई के बाद ये लोग आसानी से बाहर आ जाते है। अगर विभाग ढंग से पैरवी करते हुए वन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए अपील करता तो आज इन माफियाओं का हौसला इतना बुंलद नहीं होता। वन विभाग के कर्मचारी नेता अशोक पांडे ने बताया कि अगर वन माफियाओं के खिलाफ सरकार कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती है तो विभाग के कर्मचारी एक महीने के अंदर आंदोलन करेंगे।

13 महीने में 21 हमले
वर्ष 2023 में 18 हमले वनकर्मियों के ऊपर हो चुके हैं। वहीं वर्ष 2024 के शुरूवात में वन माफियाओं ने तीन वनकर्मियों को अपने आतंक का शिकार बना चुके है। इन तेरह महीनों में सबसे ज्यादा हमला विदिशा जिले में हुआ है। अब तक 6 कर्मचारी माफियाओं के हमले के शिकार हो चुके है। दूसरे नंबर पर मुरैना है। जहां 4 हमले वनकर्मियों के ऊपर हुए। शिवपुरी और सतना जिले में तीन- तीन हमले हुए। जबकि वर्ष 2024 के जनवरी माह में दतिया, रायसेन और भोपाल में एक- एक हमला हो चुका है।

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