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पूर्व कैबिनेट मंत्री और अंबाला छावनी से विधायक अनिल विज ने मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोक दिया, सियासत तेज

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हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक रस्साकशी लगातार बढ़ती जा रही है। इसी कड़ी में, पूर्व कैबिनेट मंत्री और अंबाला छावनी से विधायक अनिल विज ने मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोक दिया है। रविवार को उन्होंने कहा, 'भाजपा में सबसे सीनियर होने के नाते मैं यह मांग रखूंगा कि अगर पार्टी सत्ता में आए तो उन्हें सीएम बनाया जाना चाहिए।' 6 बार विधायक रहे विज इस बार अंबाला कैंट से चुनावी ताल ठोक रहे हैं। चुनाव कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। साथ ही अपनी इच्छा भी जाहिर कर दी।

अनिल विज ने कहा कि इससे पहले उन्होंने कभी भी पार्टी के सामने कोई मांग नहीं रखी है। उन्होंने कहा, 'मेरे निर्वाचन क्षेत्र और दूसरी जगहों से भी लोग मेरे पास आ रहे हैं। वे कहते हैं कि सबसे सीनियर होने के बावजूद मैं मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन सकता। इसलिए लोगों की मांग और अपनी वरिष्ठता के आधार पर मैंने आवाज उठाई। सीएम बनने के लिए मैं अपने दावे को आगे बढ़ाऊंगा।' पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि अगर सरकार और पार्टी उन्हें टॉप पोस्ट के लिए चुना तो वह हरियाणा का चेहरा बदलकर रख देंगे।

'अब तक पार्टी से कुछ नहीं मांगा मगर…'
अंबाला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान की गई टिप्पणी पर अनिल विज ने पीटीआई से बातचीत की। उन्होंने कहा, ‘मैं पार्टी का सबसे सीनियर विधायक हूं और 6 चुनाव जीत चुका हूं। 7वां चुनाव लड़ रहा हूं। मैंने अब तक अपनी पार्टी से कभी कुछ नहीं मांगा है। लेकिन, पूरे हरियाणा और मेरे अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोग मुझसे मिल रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश करूंगा। इस पर फैसला पार्टी आलाकमान को लेना है।’ जब उनसे कहा गया कि सैनी को पहले ही मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जा चुका है तो विज ने कहा, ‘दावा करने पर कोई रोक नहीं है। मैं अपना दावा करूंगा, पार्टी को जो फैसला लेना होगा, वह लेगी।’

भाजपा आलाकमान का क्या रहा है पक्ष
हालांकि, 6 बार के विधायक अनिल विज की इस टिप्पणी से पहले ही भाजपा स्पष्ट कर चुकी है कि अगर वह सत्ता में लौटती है तो नायब सिंह सैनी ही मुख्यमंत्री रहेंगे। चुनाव में अब कुछ ही सप्ताह शेष रह गए हैं, ऐसे में उनके निर्णय के समय के बारे में पूछे जाने पर अनिल विज ने कहा कि लोगों के उनसे मिलने आने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया। गौरतलब है कि मार्च में मनोहर लाल खट्टर की जगह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया गया था। हरियाणा की 90 विधानसभा सीट के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होगा और मतगणना 8 अक्टूबर को होगी।

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