राजनीतिक

दिल्ली के पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद ने थामा बीजेपी का दामन

नई दिल्ली

आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व नेता और मंत्री राजकुमार आनंद ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और बीएसपी में शामिल हुए थे. अब वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं. उनके साथ ही AAP सिटिंग एमएलए करतार सिंह तंवर, रत्नेश गुप्ता, सचिन राय, पूर्व विधायक वीना आनंद और AAP पार्षद उमेद सिंह फोगाट भी बीजेपी में शामिल हुए हैं. इन नेताओं ने दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की उपस्थिति में पार्टी ज्वाइन की.

पिछले दिनों अप्रैल में राजकुमार आनंद ने भ्रष्टाचार पर पार्टी की नीति पर असंतोष जताते हुए मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. उनका इस्तीफा सीधे तौर पर शराब नीति मामले से जुड़ा था, जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार किया गया था.

लोकसभा चुनाव में करारी हार

बता दें कि राजकुमार आनंद ने हाल में हुए लोकसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे. चुनावी रण में उन्हें सिर्फ 5629 वोट मिले थे. इस सीट से बीजेपी की बांसुरी स्वराज ने 78370 वोटों से जीत दर्ज की. उन्हें 453185 वोट मिले. दूसरे पायदान पर 374815 वोटों के आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती रहे.

पटेल नगर से पूर्व विधायक राज कुमार आनंद, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली कैबिनेट में समाज कल्याण और एससी/एसटी मंत्री थे. आनंद ने कहा कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह अपना नाम चल रहे 'भ्रष्टाचार' से नहीं जोड़ सकते थे.

आनंद ने बसपा की टिकट पर लड़ा था लोकसभा चुनाव

वह बसपा में शामिल होकर लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन पराजय का सामना करना पड़ा। बुधवार को वह भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह और दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उनका पार्टी में स्वागत किया।

छतरपुर के विधायक करतार सिंह भी बीजेपी में हुए शामिल

छतरपुर के आम आदमी पार्टी विधायक करतार सिंह तंवर ने भी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। पटेल नगर से पूर्व विधायक वीणा आनंद, छतरपुर से पार्षद उमेश सिंह फोगाट हिमाचल प्रदेश के आप प्रभारी रतनेश गुप्ता और सह प्रभारी सचिन राय भी भाजपा में शामिल हुए।

यह राजकुमार आनंद वहीं हैं, जो दिल्ली सरकार में सामाजिक कल्याण मंत्री थे। जब केजरीवाल जेल में थे, तब इन्होंने आप पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर पार्टी से बाहर आ गए थे और बीएसपी ज्वाइन कर ली थी।

इसके बाद बीएसपी ने इन्हें नई दिल्ली सीट से लोकसभा का टिकट दिया। हालांकि बीएसपी का दिल्ली में जनाधार नहीं हैं। इस तरह वह मुकाबले से पहले ही बाहर हो गए।

 

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