इंदौर में रखी गई 2030 का भारत अभियान के तहत मुख्य प्रोजेक्ट्स की नींव
इंदौर
2030 का भारत (#2030KaBharat) अभियान के तहत सतत विकास लक्ष्य हासिल करने हेतु आज इंदौर में कुछ सार्थक प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की गई। ये प्रोजेक्ट्स गरीबी, भुखमरी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से संबंधित होने के साथ-साथ स्ट्रीट वेंडर्स के सहयोग, और कैदियों के बेहतर स्वास्थ्य, पुनर्वास व कल्याण के प्रति भी समर्पित हैं। 2030 का भारत अभियान की शुरुआत समाजसेवी, लेखक व राजनीतिक रणनीतिकार अतुल मलिकराम द्वारा एक शिक्षित व समृद्ध भारत के दृष्टिकोण के साथ की गई है। इस अभियान का लक्ष्य मार्च 2026 तक इन सभी प्रोजेक्ट्स को देश के 10 राज्यों तक फैलाने का है।
इन प्रोजेक्ट्स की विशेषताओं के बारे में बताते हुए पवन त्रिपाठी, चीफ ब्रांडिंग एंड कम्युनिकेशन ऑफिसर, ने कहा, "इंदौर से इस पहल की शुरुआत हमारे लिए गर्व की बात है। इन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से हम गरीबी और भुखमरी की समाप्ति में सहयोग के साथ, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छोटे शहरों और गली-मोहल्लों में स्थित स्कूलों के टीचर्स को ट्रेनिंग देने की पहल कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, हमारी योजना स्ट्रीट वेंडर्स को सहयोग के रूप में 1 लाख स्टैन्डीज़ वितरित करने की है। हमारा लक्ष्य कैदियों के पुनर्वास व कल्याण के लिए 100 जेलों के प्रोडक्ट्स की ब्रांडिंग और मार्केटिंग करना तथा ऑनलाइन स्टोर के माध्यम से ग्राहकों तक पहुँचाना है, जिसके लिए हमने प्रयास शुरू कर दिए हैं।"
प्रोजेक्ट्स से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए रोहित चंदेल, की प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर, ने कहा, "इन प्रोजेक्ट्स के लिए फंडिंग कॉर्पोरेट के सीएसआर से आएगी और इस पहल के माध्यम से न केवल समाज के विभिन्न वर्गों को सशक्त किया जाएगा, बल्कि सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया जाएगा। इसके अलावा, सतत विकास लक्ष्यों पर भारत के 40 से 45 साल के युवा नेतृत्व और समाज के प्रबुद्ध लोगों के इंटरव्यूज लेकर उनके विचार साझा किए जाएँगे कि वे भारत से गरीबी व भुखमरी को दूर करने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सबके लिए सुलभ बनाने के बारे में क्या सोचते हैं।"
2030 का भारत अभियान के इस महत्वपूर्ण कदम से समाज के वंचित वर्गों को नई दिशा मिलेगी और एक शिक्षित व समृद्ध भारत के सपने को साकार करने में सहयोग प्रदान होगा।