अन्तर्राष्ट्रीय

गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल बना कब्रिस्तान, दफनाने पड़े 179 शव; बाहर टैंक तैनात

गाजा
गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल, अल शिफा कब्रिस्तान में तब्दील हो चुका है। अब यहां पर हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि शवों को अस्पताल परिसर में ही दफनाना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक कुल 179 शवों को दफनाया गया है, जिनमें बड़ी संख्या में बच्चे शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक अगर इन्हें जल्द नहीं दफनाया गया तो यह सड़ने शुरू हो जाएंगे और यहां पर साफ-सफाई की समस्या होने लगेगी। ऐसा दावा किया जा रहा है कि इस अस्पताल को इजरायली टैंकों ने घेर रखा है। इजरायल का कहना है कि इस अस्पताल में हमास के आतंकवादियों ने शरण ले रखी है और सुरंगों के नेटवर्क से इससे जुड़े हुए हैं।

सामूहिक क्रब में दफनाया
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता के अशरफ अल किद्रा और डॉक्टर अहमद अल मोखालती ने बताया कि इन शवों को अल शिफा मेडिकल परिसर के अंदर ही सामूहिक कब्र में दफनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हालात बहुत ज्यादा मुश्किल हो चुके हैं क्योंकि हमें आईसीआरसीसे कोई मदद नहीं मिल रही है। हमारे पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है क्योंकि शव सड़ने शुरू हो चुके हैं। उन्होंने कहाकि जिस वक्त हम बात कर रहे हैं तो कब्र खोदने का काम शुरू हो चुका है। अल शिफा अस्पताल के चीफ मोहम्मद अबू सलमियाह ने बताया कि पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा बदतर हो चुकी है। उन्होंने कहाकि अस्पताल में फ्यूल सप्लाई बंद होने के चलते आईसीयू में रखे गए सात बच्चों और 29 मरीजों को भी दफनाना पड़ा है।

शवों की बदबू करने लगी बेहाल
अस्पताल में मौजूद लोगों के मुताबिक हालात बद से बदतर चुके हैं। हर तरफ सड़ते हुए शवों की बदबू है। यहां पर काम कर रहे एक डॉक्टर ने इसे अमानवीय बताया है। उन्होंने कहाकि यहां बिजली तो है ही नहीं, खाना और पानी भी नहीं है। बता दें कि अल शिफा अस्पताल पिछले 72 घंटों से अधिक से दुनिया से कटा हुआ है। इसकी वजह यह है कि इजरायल ने यहां पर अपना घेरा डाल रखा है। उसका कहना है कि हमास इस अस्पताल से अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। इजरायल का यह भी दावा है कि यह अस्पताल उस टनल के ठीक ऊपर स्थित है, जिसमें हमास का हेडक्वॉर्टर है। इसके मुताबिक आतंकी गुट मरीजों और अस्पताल को ह्यूमन शील्ड के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। हालांकि हमास और गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इससे इनकार किया है। एक अन्य मामले में इजरायल ने दावा किया है कि उसने एक टनल का पता लगाया है, जो कि दूसरे अस्पताल से जुड़ी है।

10 हजार से अधिक के फंसे होने की आशंका
इस बीच यूनाइटेड नेशंस ने आशंका जताई है कि अल शिफा अस्पताल में 10 हजार से ज्यादा लोग फंसे हो सकते हैं। इनमें मरीजों के अलावा स्टाफ और आम नागरिक हैं। इसके अलावा इलाके में स्थित दूसरा बड़ा अस्पताल अल कुद्स भी करीब हफ्ते भर से दुनिया से कटा हुआ है। वहीं, यूनाइटेड नेशंस का कहना है कि किसी भी हालत में मरीजों और अस्पताल को ह्यूमन शील्ड के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। इस बीच इजरायल ने बच्चों अस्पताल से बाहर निकालने की गुहार लगाई है, लेकिन इस पर अभी तक अमल नहीं हुआ है। गौरतलब है कि अल कुद्स से एक दिल दहलाने वाली तस्वीर बाहर आई है। इसमें सात बच्चों को अस्पताल के हरे कपड़े में एक साथ लपेटा गया है। यह सात बच्चे उन 39 में से हैं, जिनकी डिलीवरी समय से पहले हुई है। इनका वजन मात्र 1.5 किलोग्राम है। इन सभी को इंक्यूबेटर्स की जरूरत है ताकि इनके शरीर का तापमान सामान्य रह सके। इसके विपरीत इन्हें सामान्य बेडों पर रखा गया है। इन्हें किसी तरह से कपड़े में लपेटकर रखा जा रहा है क्योंकि अस्पताल के जेनरेटर्स में तेल नहीं है, जिससे इंक्यूबेटर्स चलाए जा सकें।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button