जो दूसरों के बारे में सोंचता है उसे भगवान धनधान से भर देते है: अनिरुद्धाचार्य महाराज
रायपुर
भगवान राम इस समय क्या कर रहे होंगे, भगवान अभी किस ओर देख रहे होंगे यह प्रश्न छत्तीसगढ़़ वासियों के साथ ही देश ओर दुनिया में दिख रहा है। यदि भगवान आपकी तरफ देखते है तो पीठ हमारी तरफ और हमारी तरफ तो पीठ आपकी तरफ होगी। धु्रवजी ने अपनी माँ से चार प्रश्न किए थे और उनसे नाराज होकर उन्होंने तप किया और उसके बाद सेवा में लग गए। हमारी कथाएं, वेद-पुराण के सार का एक मात्र उपाय है आप भगवान का चिंतन करें समाज को भगवान मान कर सबकी सेवा करें।
भगवान कृष्ण बोले अर्जुन जब तुमने उसे मणि दिया तो उसने अपने बारे में सोंचा, मैं बंगला बनाऊंगा, राजा बनुंगा और जब मैंने उसे कुछ पैसे दिए तो उसने अपने बारे में नहीं दूसरे के बारे में सोचा। जो दूसरों के बारे में सोंचता है उसे भगवान धनधान से भर देते है। उक्त बातें अवधपुरी मैदान गुढि?ारी में स्व. सत्यनारायण बाजारी (मन्नू भाई) की पुण्य स्मृति में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन, रविवार को विश्व विख्यात कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज ने श्रद्धालुजनों को बताया।
रविवार को विश्व विख्यात कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज की कथा सुनने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुजन सुबह से ही पहुंचने लग गए थे। आयोजक कान्हा बाजारी और उनकी टीम को तत्काल में डोम के बाहर एक अलग से पंडाल लगाना पड़ा लेकिन यह भी छोटा पड़ा गया। लोग सड़कों में बैठकर अनिरुद्धाचार्य महाराज की कथा सुन रहे थे। अनिरुद्धाचार्य महाराज ने श्रद्धालुजनों से कहा कि फिल्मी दुनिया के लोग शराबियो पर बात नहीं करते लेकिन शिवजी पर फिल्म जरुर बना दिए। आपके बेटों को गुटखा खाना जिसने सिखाया है वह अच्छे लोग होंगे या बुरे लोग आप ही बताएं? लेकिन बड़े-बड़े फिल्मी दुनियों के सुपरस्टार हीरों बच्चों को गुटखा खिलाने में लगे हुए है। दाने-दाने में केसर का दम, क्या चाहते है लोग कि आपके बच्चे गुटखा खाएं फिर भी आप इन्हें सुपरस्टार बनाए। इसलिए इन लोगों से बचकर रहो। अपनी गृहस्थी मस्त होकर हमारी बात मान लो मन प्रभू के चरण में लगाओ। बच्चों को कुसंगति से बचाओं, शराब इत्यादि चीजों की लत में पड़े बच्चों को इनसे निकालो, भगवान का दुष्प्रचार कर रहे है इन फिक्चर बनाने वाले के लिए प्रार्थना करो की इन्हें सद्बुद्धि आए। ऐसे फिल्म बने तो आप बहिष्कार करो और देखने मत जाओ, आप देखते है इसलिए ये लोग ऐसी फिल्में बनाते रहेंगे। आप सभी से कहना चाहूंगा कि गृहस्थ में रहकर भगवान की चिंतन करो। मान मेरा कह ना नहीं तो पछताएं…।
बेटा कहने वालों तुम्हारा बेटा एक दिन पड़ोसी बन जाएगा, शादी होने दो, पत्नी आने दो, माँ-बाप को टांटा करके बेटा चला जाएगा। यह हमारा जीवन है वह अकेलापन है, यहां कोई नहीं है आपका। गृहस्थी का कार्य करके इस दुनिया से निकल लोग, घर में मरना मत बहुत कष्ट होता है। मरने के पहले भगवान में मन लग जाए तो तुम सारे बंधनों से मुक्त हो जाओगे। यह मानव का शरीर हमें क्योंकि मिला है बंधने के लिए या खोलने के लिए – इस संसार में आप बंधने आए हैं या खोलने इस बारे में महाराजश्री ने श्रद्धालुजनों से विचार लिया। संसार में आए है हम खोलने के लिए बंधने के लिए नहीं, हम किससे बंधे हैं परिवार, व्यहार से।