
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने इंडिया गठबंधन की मुंबई में होने वाली बैठक से पहले कहा, “मुंबई में नरेंद्र मोदी के नरेटी (गले) पर चढ़ने जा रहे हैं। नरेंद्र मोदी का नरेटी पकड़े हुए हैं हम, उसे अब हटाना है। लालू के इस बयान पर “केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है, ”…ऐसी भाषा का इस्तेमाल करने वालों को जनता जवाब देती है। राजनीतिक तौर पर कहें तो जनता ने 2014 और 2019 में जवाब दिया था. आप उन लोगों के साथ बैठे हैं जिन्होंने जेडी (यू) आपके खिलाफ मामला दर्ज कराया- । लालू यादव राष्ट्रहित या राज्यहित से बाहर कुछ भी नहीं कर रहे हैं। वह नीतीश कुमार के बाद अपने बेटे को सीएम बनाने के लिए सब कुछ कर रहे हैं। यही कारण है कि उन्होंने यह अपवित्र गठबंधन बनाया है…”
#WATCH | Union Minister Pralhad Joshi says, "…Those who use such language are given a reply by the public. Politically speaking, the public gave a reply in 2014 and 2019. You are sitting with those who filed a case against you – the JD(U). Lalu Yadav is not doing anything out… https://t.co/cJFyHZdY7C pic.twitter.com/vYIYaUfjwz
— ANI (@ANI) August 30, 2023
लालू प्रसाद अपने छोटे बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ मंगलवार को पटना से मुंबई के लिए रवाना हुए। लालू प्रसाद मुंबई में पहले अपनी तबियत को लेकर डॉक्टर से सलाह लेंगे। इसके बाद वे मुंबई में इंडिया गठबंधन के प्रस्तावित बैठक में एक सितंबर को शामिल होंगे। पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत करते हुए लालू प्रसाद ने कहा कि हम तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नरेटी (गर्दन) पकड़े हुए हैं।
वहीं, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने इंडिया गठबंधन के प्रस्तावित बैठक पर कहा कि बिहार ने देश को दिशा देने का काम किया है। पिछले साल अगस्त में ही बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी थी और उसके बाद ही हमने विपक्षी एकजुटता की बात की थी। तब, भाजपा ने कटाक्ष किया था। लेकिन अब वे लोग भी देख लें, अगस्त के महीनें में इंडिया गठबंधन की दो बैठकें हो चुकी है, अब तीसरी बैठक मुंबई में होने जा रही है।
केंद्र की मोदी सरकार डरी हुई है-बोले तेजस्वी
तेजस्वी ने जाति आधारित गणना को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। तेजस्वी ने कहा कि इससे केंद्र का विरोधी चेहरा उजागर हुआ है। एक ही दिन में दो बार कोर्ट में हलफनामा बदलने के केंद्र के रवैये से साफ है कि ये लोग जाति आधारित गणना का विरोध कर रहे हैं। यही कारण है कि अबतक जनगणना भी नहीं करायी गयी है। बिहार ने जाति आधारित गणना की बातें की तो उसका भी विरोध किया गया। इससे साफ है कि भाजपा डरी हुई है। जाति आधारित सर्वे हुआ तो यह पता चल जाएगा कि कौन कितना गरीब है। उसी के हिसाब से उनको लाभ पहुंचाने के लिए सरकार की योजनाएं बनाई जाएंगी।