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सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाया, नई दरें लागू

सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाया, नई दरें लागू

देश में दोपहिया वाहनों पर सर्वाधिक जीएसटी, बजाज ऑटो के सीईओ राजीव बजाज बोले- ज्यादा नियमन से बढ़ रही कीमत

रिपोर्ट में दावा- गर्मी में एसी की अधिक मांग, पांच फीसदी तक बढ़े दाम-कंपनियों के सामने आपूर्ति की समस्या

नई दिल्ली
 केंद्र सरकार ने प्याज की कीमतों पर नियंत्रण के लिए निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाया है। सरकार ने देसी चने के आयात पर लगने वाले शुल्क से 31 मार्च, 2025 तक छूट देने का फैसला किया है। इसके साथ ही 31 अक्टूबर, 2024 या उससे पहले जारी ‘बिल ऑफ एंट्री’ के जरिए पीले मटर के आयात पर शुल्क छूट भी बढ़ा दी गई है। वित्त मंत्रालय ने जारी एक अधिसूचना में कहा है कि ये सभी बदलाव चार मई से प्रभावी होंगे। फिलहाल प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध है। हालांकि, केंद्र सरकार ने अपने मित्र देशों को प्याज के निर्यात की अनुमति देती रही है। हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात और बांग्लादेश सहित छह देशों को एक निश्चित मात्रा में प्याज के निर्यात की अनुमति दी थी। केंद्र सरकार ने पिछले साल अगस्त में प्याज के निर्यात पर 31 दिसंबर, 2023 तक 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया था। हालांकि, सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों पर नियंत्रण के लिए इसके निर्यात पर प्रतिबंध लागू किया था, जो अभी लागू है। गौरतलब है कि ‘बिल ऑफ एंट्री’ एक कानूनी दस्तावेज है जो आयातकों या सीमा शुल्क निकासी एजेंटों के आयातित माल के आगमन पर या उससे पहले दाखिल किया जाता है।

 

देश में दोपहिया वाहनों पर सर्वाधिक जीएसटी, बजाज ऑटो के सीईओ राजीव बजाज बोले- ज्यादा नियमन से बढ़ रही कीमत

नई दिल्ली
 बजाज ऑटो के सीईओ राजीव बजाज का कहना है कि भारत में दोपहिया वाहनों पर सबसे अधिक जीएसटी है। यहां हम 28 फीसदी जीएसटी दे रहे हैं। आसियान देशों व लैटिन अमेरिका में यह दर 8 से 14 फीसदी है। दोपहिया वाहनों की कीमतें बढ़ने का एक और कारण देश में ज्यादा नियमन भी है।

 एक कार्यक्रम में कहा, दोपहिया वाहनों पर जीएसटी दर को लेकर सरकार को फिर से सोचना चाहिए। इसे घटाकर 8 से 14 फीसदी के बीच लाना चाहिए। बजाज ने पूछा, ऐसा क्यों है कि देश में आम आदमी के वाहनों पर हमें 28 फीसदी की जीएसटी दर का भुगतान करना चाहिए? अगर यह दर कम होती है तो ज्यादा से ज्यादा लोगों तक दोपहिया वाहन की पहुंच होगी। भारत में दोपहिया वाहनों की वृद्धि कोविड-19 महामारी के अलावा कीमतों में बढ़ोतरी और नियमों में बदलाव से प्रभावित हुई है।

बीएस-6 जैसे मानदंड अच्छे
बजाज के मुताबिक, दोपहिया वाहनों की कीमत में इस तरह का नाटकीय बदलाव कई चीजों के कारण है। इसमें सबसे बड़ा कारण अत्यधिक नियमन है। इस पर भी सरकार को विचार करने की जरूरत है। बीएस-6 जैसे मानदंड अच्छे हैं। बजाज ने कहा, हम उच्चतम स्तर पर नियमन चाहते हैं। उदाहरण के लिए उत्सर्जन जैसे नियमन से हम खुश हैं। इससे सभी को स्वच्छ हवा मिलेगी। पर, उद्योग की चिंताओं को भी दूर करने की जरूरत है।

 

रिपोर्ट में दावा- गर्मी में एसी की अधिक मांग, पांच फीसदी तक बढ़े दाम-कंपनियों के सामने आपूर्ति की समस्या

नई दिल्ली
 तापमान बढ़ने के कारण देशभर में एयर कंडीशनर (एसी) की मांग बढ़ गई है। खासकर उत्तर और मध्य भारत में। बढ़ती मांग को देखते हुए निर्माता कंपनियों ने एसी के दाम पांच फीसदी तक बढ़ा दिए हैं। आनंद राठी फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि अप्रैल के बाद मई और जून में भी देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है।

इससे जून मध्य तक एसी की मांग मजबूत बनी रहेगी। लेकिन, आपूर्ति के मोर्चे पर एसी निर्माता कंपनियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बढ़ती मांग और कम आपूर्ति को देखते हुए कई राज्यों में निर्माता कंपनियों ने एसी के दाम बढ़ा दिए हैं। ब्लू स्टार ने अपने विभिन्न मॉडल की कीमतों में तीन-पांच फीसदी की बढ़ोतरी की है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में अप्रैल में औसत न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस था। यह 1901 के बाद से सबसे अधिक है।

यूपी-हरियाणा में 25 फीसदी तक बढ़ी मांग
मध्य भारत में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में संख्या के लिहाज से एसी की मांग 15-20 फीसदी बढ़ गई है। उत्तर भारत में राजस्थान और हरियाणा में होली के बाद से ही एसी की मांग में उछाल देखने को मिल रहा है। इन दोनों राज्यों में मांग में 20-25 फीसदी तक तेजी दर्ज की गई है। स्थानीय डीलरों ने मई में मांग 25-30 फीसदी और बढ़ने की उम्मीद जताई है। दक्षिण भारत में तमिलनाडु में एसी की मांग 40-50 फीसदी तक बढ़ी है। कर्नाटक और तेलंगाना में 15-20 फीसदी तक बढ़ोतरी दर्ज की गई।

पूर्वी भारत में ओडिशा में मांग 25-30 व झारखंड में 10-15 फीसदी बढ़ी है। गुजरात और महाराष्ट्र समेत पश्चिमी भारत में अप्रैल मध्य के बाद से ही एसी की मांग बढ़ गई है। इन राज्यों में 15-20 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के स्थानीय डीलरों का कहना है कि लगातार बढ़ रहे तापमान के कारण एसी की मांग में वृद्धि की तुलना में निर्माता कंपनियों की ओर से आपूर्ति कम हो रही है। इससे एसी की डिलीवरी में लगने वाला समय बढ़ गया है।

कम आपूर्ति से बढ़ा डिलीवरी का समय
ओडिशा और झारखंड में पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने से स्थानीय डीलर समय पर डिलीवरी नहीं कर पा रहे हैं। गुजरात में विभिन्न कंपनियों ने एसी की कीमतों में 3-5 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी है।

 

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