मुसलमानों को देश से बाहर निकालना चाह रही है केन्द्र सरकार: कविता कृष्णन

बगहा। एएनएन (Action News Network)
देश के नौजवानों को अच्छी शिक्षा, नौकरी और रोजगार चाहिए। केंद्र की भाजपा सरकार लोगों को रोजी-रोजगार नहीं दे रही है। आप जब सरकार से यह डिमांड़ करेंगे, तो मोदी व अमित शाह कहेंगे कि पहले यह बताओ कि तुम कौन हो, तुम्हारी नागरिकता क्या है। आपको पहले यह साबित करना पड़ेगा कि हम भारत के नागरिक हैं। यह विचार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माले के राष्ट्रीय पोलित ब्यूरो सदस्य कविता कृष्णन ने व्यक्त किये। वो सोमवार को बगहा के विमल बाबू के मैंदान में एक जनसभा को सम्बोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा है कि मोदी की सरकार देश के नागरिकों को गुलाम बनाना चाह रही है। देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करके लोगों को भयभीत कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में बाहरी होने के नाम पर, खास तौर पर मुस्लमानोंं को यह सरकार देश से निकालना चाह रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी आपके दरवाजेे पर जायेंगे और आपके माता-पिता और उनके माता-पिता के बारे में पूछताछ करेंगे और जब प्रमाण नहीं मिलेगा, तो डाउट करार दे देंगे। उन्होंने कहा कि यही खेल असम प्रांत में हुआ है।
उन्नीस लाख लोगों को विदेशी करारी दे दिया गया, जिसमें सिर्फ पांंच लाख मुसलमान हैंं और शेष सभी बिरादरी के हैं। कृष्णन ने कहा कि आपको आश्चर्य होगा कि जिन्हें घुसपैठिया करार दिया गया है, वो सभी की सभी महिलाएं हैं। महिलाएंं शादी के बाद दूूसरे घर से आती हैं, अब बताईये जो महिला बांग्ला देश में आजादी के पहले रही, अब भारत में रहने पर वह कागज कहांं से देगी। इस मौके पर प्रांतीय पोलित ब्यूरो सदस्य वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता,भिखारी प्रसाद,परशुराम यादव, जिया रब्बानी आदि ने भी संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता कामरेड दयानंद द्विवेदी ने की थी।