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महिला दिवस के अवसर पर हरदीप सिंह पुरी ने स्वच्छोत्सव’ का किया शुभारंभ

नई दिल्ली। टीम एक्शन इंडिया।।
8 मार्च को महिला दिवस के अवसर पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने महिलाओं के नेतृत्व वाले तीन सप्ताह के स्वच्छता अभियान ‘स्वच्छोत्सव’ का शुभारंभ किया। इस उत्सव में स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत स्वच्छता में ‘महिलाओं की भागीदारी’ से आगे बढ़कर ‘महिलाओं के नेतृत्व’ वाली स्वच्छता को पहचानकर उसका जश्न मनाया गया और साथ ही कचरा मुक्त शहरों (जीएफसी) का मिशन सफल बनाने में नेतृत्व प्रदान करने वाली विभिन्न क्षेत्रों की महिलाओं को समर्पित यह उत्सव मनाने के लिए शहरों में कई कार्यक्रमों और गतिविधियों की श्रृंखला आयोजित की गई।

आपको बता दें कि स्वच्छोत्सव के लॉन्च के दौरान ही विमन आइकॉन्स लीडिंग स्वच्छता (WINS) अवॉर्ड्स-2023 की घोषणा भी की गई। WINS अवॉर्ड्स-2023 शहरों में स्वच्छता हासिल करने की दिशा में काम करने वाली सभी महिला उद्यमियों या महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को मान्यता दी जाएगी।

10 मार्च से स्वच्छता यात्रा की शुरुआत होगी, जो 30 मार्च को पूरी होगी, जिसे यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेंबली द्वारा इंटरनैशनल डे ऑफ जीरो वेस्ट के रूप में घोषित किया गया है। 34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि इस यात्रा के हिस्से के रूप में 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का भ्रमण करेंगे। यह एकजुट होकर सीखने की एक तरह की अंतर-राज्यीय पहल है, जो एरिया लेवल फेडरेशन (ALF) या स्वयं सहायता समूहों (SHG) के सदस्यों को चयनित शहरों के ‘स्वच्छता दूत’ के रूप में यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। साथ ही, यात्रा के दौरान महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को स्वच्छता की प्रतिज्ञा के माध्यम से ‘कचरा मुक्त शहरों’ के विजन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। 30 मार्च को स्वच्छ मशाल मार्च ‘महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वच्छोत्सव’ के लिए बेहतर माहौल बनाएगा, जिसमें भाग लेने वाले यूएलबी के प्रत्येक वार्ड के सार्वजनिक स्थानों, खुले भूखंडों, जल निकायों, रेलवे पटरियों, सार्वजनिक शौचालयों पर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य ऐसी ही महिलाओं की ऊर्जा को स्वच्छता की दिशा में लगाकर सभी को प्रोत्साहित व प्रेरित करता हैं। अभियान के दौरान सभी शहर स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए पूरे भारत में 75,000 जीएफसी इन्फ्लुएंसर या कचरा मुक्त सिटी इन्फ्लुएंसर का एक नेटवर्क तैयार करेंगे। इन महिला स्वच्छता योद्धाओं को मुख्यधारा में लाने के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए और स्वच्छता की दिशा में नेतृत्व के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

गौरतलब हैं कि साल 2014 में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की गई थी, जिसमें सफाई अभियानों में बड़े स्तर पर महिलाओं की भागीदारी देखी गई थी, जिनमें शौचालयों के इस्तेमाल के लिए जागरूकता उत्पन्न करना और स्वच्छता की ओर कई तरह के योगदान शामिल रहे। महिलाओं का योगदान समाज में बड़े बदलाव ला सकता है क्योंकि वे न केवल अपने घरों में बल्कि पूरे समाज में अनादि काल से स्वच्छता की ध्वजवाहक रही हैं। पिछले आठ वर्षों में महिलाएं स्पष्ट रूप से स्वच्छता के जन आंदोलन के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में सामने आ रही हैं, जैसे अन्य महत्वपूर्ण हितधारकों, युवाओं और स्टार्टअप्स के रूप में भी। मटीरियल रिकवरी फेसिलिटी सिस्टम के संचालन से लेकर वेस्ट टु वेल्थ स्टार्टअप शुरू करने तक, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स के प्रबंधन से लेकर दूसरों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करने तक की दिशा में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं।

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