राजनीतिक

हार्दिक पटेल को मिली सबसे बड़ी राहत, सरकार ने वापस लिया राजद्रोह का केस

अहमदाबाद
गुजरात बीजेपी के विधायक हार्दिक पटेल (31) काे बड़ी राहत मिली है। राज्य सरकार ने हार्दिक पटेल और अन्य के खिलाफ दर्ज राजद्रोह में मामले को वापस ले लिया है। पाटीदार अनामत आंदोलन के दौरान हार्दिक पटेल और उनके साथियों के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज हुआ था। आंदोलन के बाद हार्दिक पटेल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 2022 गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले हार्दिक पटेल बीजेपी में शामिल हो गए थे। हार्दिक पटेल वर्तमान में अहमदाबाद जिले की वीरमगाम से विधायक हैं। गुजरात में पाटीदार अनामत आंदोलन साल 2015 में हुआ था। इसके बाद राज्य की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। 2017 में विधानसभा चुनावों में बीजेपी इसी आंदोलन की वजह से सिर्फ 99 सीटें जीत पाई थी।

फैसले पर बोले हार्दिक पटेल
राज्य सरकार के फैसले पर हार्दिक पटेल ने खुशी व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि गुजरात में हुए पाटीदार आंदोलन के दौरान मेरे समेत समाज के अनेक युवाओं पर लगे गंभीर राजद्रोह समेत के मुकदमें आज भूपेंद्र भाई पटेल की सरकार ने वापिस लिए है। मैं समाज की ओर से गुजरात की भाजपा सरकार का विशेष आभार व्यक्त करता हूं। पाटीदार आंदोलन से गुजरात में बिन आरक्षित वर्गों के लिए आयोग-निगम बना, 1000 करोड़ की युवा स्वावलंबन योजना लागू हुई और देश में आर्थिक आधार पर स्वर्णों को 10 फीसदी आरक्षण का लाभ मिला हैं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी, गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित भाई शाह और राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल पुनः दिल की गहराई से आभार व्यक्त करता हूं।

जीएमडीसी मैदान में की थी सभा
20 जुलाई 1993 को जन्में हार्दिक पटेल बी कॉम की डिग्री ली है। वह अक्टूबर 2012 में सरदार पटेल ग्रुप से जुड़ गए थे। इसके बा वह एसपीजी की वीरमगाम यूनिट के अध्यक्ष बन गए थे। 2015 में हार्दिक पटेल को मतभेदों के बाद एसपीजी प्रमुख ने निकाल दिया था। हार्दिक पटेल ने गुजरात पाटीदार अनामत आंदोलन को लीड किया था। इसके बाद वह पूरे देश में बड़ा चेहरा बन गए थे। उन्होंने जीएमडीसी मैदान में बड़ी सभा करके उस वक्त की सरकार को हिला दिया था। उनके आंदोलन को पास (PAAS) यानी पाटीदार अनामत आंदोलन समिति ने संचालित किया था। गुजराती में अनामत का मतलब आरक्षण से है।

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