हिमाचल प्रदेश

बेकार रही हर्षवर्धन की धमकी, सम्मेलन में उमड़ा हाटियों का जनसैलाब

टीम एक्शन इंडिया/नाहन/एसपी जैरथ
स्थानीय विधायक और हिमाचल प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की धमकी के बाद भी शनिवार को शिलाई में हजारों की संख्या में हाटी समुदाय के लोगों ने शिरकत कर न केवल मंत्री को सीधा जबाव दिया, बल्कि एक संदेश भी दिया कि अब शिलाई की जनता को और अधिक गुमराह नहीं किया जा सकता है। गौर हो कि शुक्रवार को उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने जनसभा में धमकी दी थी कि यदि सरकार चाहे तो वह न केवल इस मैदान में हाटियों की रैली होने देंगे, बल्कि उन्हें यहां की इजाजत तक नहीं दी जाएगी। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की धमकी के बाद क्षेत्र से हजारों की संख्या में लोग शिलाई पहुंचे और उद्योग मंत्री को करारा जवाब दिया। गौर हो कि अगस्त महीने में जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र को केंद्र सरकार द्वारा जनजाति क्षेत्र का दर्जा दिया गया है जिसकी अधिसूचना अगस्त महीने में जारी हो चुकी है।

अधिसूचना जारी होने के तीन माह बाद भी हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा इस मामले को लटकाया और भटकाया जा रहा है जिससे खफ ा होकर क्षेत्र के लोगों ने हाटी समिति के बैनर तले जहां गत दिनों जिला मुख्यालय नाहन में रैली का आयोजन किया, वहीं शनिवार को शिलाई में हाटी समिति द्वारा आयोजित इस रैली में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इससे पूर्व शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी द्वारा हाटी समिति के समानांतर हाटी कल्याण मंच खड़ा कर शक्ति प्रदर्शन किया था, लेकिन उस शक्ति प्रदर्शन में भीड़ ना होने के चलते हर्षवर्धन चौहान बौखला गए और अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती देखकर हर्षवर्धन चौहान ने मंच से ऐलान कर दिया कि यदि सरकार चाहे तो न केवल हाटियों को यहां रैली करने देंगे, बल्कि उन्हें सरकारी प्रांगण में घुसने तक की इजाजत नहीं मिलेगी। हर्षवर्धन चौहान की धमकी से गिरिपार क्षेत्र के लोगों में भारी गुस्सा है, जिसके चलते आज हर्षवर्धन चौहान को करारा जवाब देने के लिए हजारों की संख्या में हाटी समुदाय के लोग शिलाई में एकत्रित हुए और सरकार तथा उद्योग मंत्री के खिलाफ जमकर जहर उगला।

हाटी समिति का आरोप है कि हर्षवर्धन चौहान ने कभी भी क्षेत्र के लोगों के हितों की पैरवी नहीं की है। समिति का कहना है कि यदि हर्षवर्धन चौहान के पिता स्वर्गीय ठाकुर गुमान सिंह चाहते तो गिरिपार के लोगों को वर्ष 1967 में ही उन्हें अपना हक मिल जाता ए लेकिन ठाकुर गुमान सिंह ने हमेशा ही वोट बैंक की राजनीति की। उन्हीं के नक्शे कदम पर हर्षवर्धन चौहान भी आगे चल रहे हैं और उन्होंने भी कभी गिरिपार के लोगों के हितों की पैरवी नहीं की। हाटी समिति का कहना है कि हर्षवर्धन चौहान ने तो एक जनसभा में खुला ऐलान किया था कि वह कभी भी जनजाति क्षेत्र के पक्ष में नहीं थे, बावजूद इसके भी जब गिरिपार के लोगों को यह हक मिल गया है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button