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हरियाणा के छोरे ने दिखाया कमाल, 6 साल विदेश में रहने के बाद लौटा फिर ट्रैक्टर ट्राली को Modify कर बनाया Food Cart

कुरुक्षेत्र
हर कोई चाहता है कि वह अपने जीवन में काफी पैसा कमाए । इसके लिए हरियाणा पंजाब सहित भारत के अलग-अलग राज्यों के युवाओं से लेकर उम्रदराज लोग विदेश की तरफ रुख कर रहे हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो विदेश की मिट्टी को छोड़कर अपनी जन्मभूमि पर आकर यही कुछ करके अपना जीवन यापन करना चाहते हैं। ऐसी ही कहानी है गुरप्रीत की,  जो करीब 6 साल विदेश में रहने के बाद अब लौट कर आया और उन्होंने अपनी पृष्ठभूमि से जुड़ी हुई ट्रैक्टर ट्राली को अपनी आजीविका का साधन बनाया। 
 
यूरोप में रहा 6 साल 
गुरप्रीत ने बताया कि वह कुरुक्षेत्र के हंससाला गांव का रहने वाला है। वह 2014 में यूरोप में गया था वहां पर वह 2020 तक यूरोप के ऑस्ट्रिया कंट्री में रहा। वहां का रहन-सहन उसकी काफी पसंद आया तो वहां का खान-पान भी उसकी काफी पसंद आया लेकिन कहीं ना कहीं उसके मन में अपने वतन वापस लौटने की कसक थी जिसके चलते 6 साल विदेश में रहने के बाद वह भारत अपने देश लौट आया। 
  
गुरप्रीत ने बताया कि विदेश से आने के बाद वह कुछ समय तक अपने परिवार के साथ घर पर ही रहा। वह एक किसान का बेटा है जो ग्रामीण क्षेत्र से आता है तो उसने खेती से अलग कुछ नया करने की सोची जिसके चलते उन्होंने विदेश की बात को ध्यान में रखते हुए एक नया स्टार्टअप शुरू किया उन्होंने सोचा कि विदेश में फास्ट फूड की गुणवत्ता काफी अच्छी होती है और वहां पर साफ सफाई का भी विशेष ध्यान रखा जाता है जिसके चलते उन्होंने फूड कोर्ट शुरू करने की सोची लेकिन वह और लोगों की तरह किसी रेडी या दुकान पर फूड कोर्ट शुरू नहीं करना चाहता था वह कुछ अलग करना चाहता था। 

उन्होंने कहा कि वह फास्ट फूड का काम करना चाहता था जिसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया मीडिया पर कहीं रिसर्च की और उसके बाद उसने सोचा कि क्यों ना अपने खेती के साथी ट्रैक्टर ट्राली को ही मॉडिफाई किया जाए फिर उसने करीब 7 लाख रुपए लगाकर ट्रैक्टर लिया और ट्राली को मॉडिफाई किया। ट्रैक्टर ट्रॉली पर मॉडिफाई करके फूड बेचना हर तरह से उसको अलग बना रहा था जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है। वह गांव से करीब 6:00 बजे कुरुक्षेत्र के 17 सेक्टर में फूड मार्केट में पहुंचते हैं और रात के करीब 11:00 बजे तक यहां पर रहकर वह फास्ट फूड बनाकर लोगों को सप्लाई करते हैं और अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं। 
 
गुरप्रीत ने कहा कि वह ट्रैक्टर ट्रॉली पर फास्ट फूड बनाने का काम करता है जिसके चलते वह हर किसी की नजर में आता है और हर कोई उनके यहां पर फूड खाने के लिए आता है हालांकि उनके खाने की गुणवत्ता भी काफी अच्छी है वह विदेश की तर्ज पर यहां पर फूड बना रहे हैं जो लोगों को काफी पसंद आ रहा है।  गुरप्रीत ने कहा कि उसके पास तीन बेटे हैं हालांकि एक बेटा फार्मेसी मेडिकल स्टोर पर काम करता है जो शाम के 6:00 बजे अपना काम खत्म करने के बाद अपने भाई और पिता के मदद करने के लिए यहां पर आ जाता है बाकी दो बेटे गांव से ही उसके साथ आते हैं जो यहां पर ज्यादातर काम देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे बेटे विदेश जाना चाहते थे लेकिन मैं पहले ही विदेश में जाकर वहां का हाल देखकर आ चुका हूं इसलिए मैंने अपने बेटों को कहा कि विदेश में ना जाकर यही कुछ काम करें जिससे वह अपनी यहीं रहकर मेहनत करने से अपनी रोजी-रोटी कमा सके हालांकि बेटे ने कई बार विदेश जाने की ट्राई की लेकिन उसका बाहर जाने का काम नहीं बन पाया इसके बाद उन्होंने अपने बेटे को रोजगार देने के लिए ट्रैक्टर ट्राली को ही मॉडिफाई किया और उसमें फास्ट फूड बनाने का काम कर रहे हैं।
 
युवाओं को संदेश अपनी मिट्टी अपने वतन रहकर करें काम
गुरप्रीत ने कहा कि मैं करीब 6 सालों तक विदेश में रहा हूं हालांकि हर कोई विदेश जाकर पैसा कमाना चाहता है लेकिन पैसा तो वह काम लेता है लेकिन अपने परिवार से दूर रहना बड़ा मुश्किल होता है हमारे युवा पीढ़ी काफी विदेश की तरह जा रही है उन्होंने कहा कि अगर हमारे युवा यहीं पर रहकर काम करें तो यहां पर काम करने के लिए बहुत ज्यादा अवसर है उन्होंने बताया कि उसके तीन बेटे हैं वह तीनों उसके साथ इस काम में लगे हुए हैं और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। 
 
मॉडिफाइड ट्राली में है हर सुविधा 
गुरप्रीत के बेटे जसप्रीत ने कहा कि जो उन्होंने ट्राली को मॉडिफाई किया है वह काफी आधुनिक है। वह विशेष तौर पर फास्ट फूड का काम करने के लिए तैयार की गई है उसमें हर प्रकार की सुविधा है जो एक फास्ट फूड के दुकान या होटल में होनी चाहिए उसमें फ्रिज बिजली पानी हर प्रकार की सुविधा है हर चीज के लिए उसमे अलग से डिजाइन तैयार करके स्थान बनाया गया है।

 

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