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हरियाणा के चित्रकार ने रचा इतिहास, PM मोदी के जन्मदिन पर बनाया विश्व रिकॉर्ड

जींद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिवस के अवसर पर राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर विकसित भारत के रंग, कला के संग एक अद्वितीय और ऐतिहासिक आयोजन हुआ। इस अवसर पर देशभर से आए नामचीन चित्रकारों ने अपने रंगों और कल्पनाओं से विकसित भारत की जीवंत झलक प्रस्तुत की। यह पेंटिंग विश्व की 10 हजार मीटर सबसे लंबी पेंटिंग का रिकॉर्ड बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है।

इस भव्य आयोजन का संयुक्त संचालन त्रिवेणी कला संगम और दिल्ली नगर निगम ने किया। कार्यक्रम का उद्घाटन दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने किया। इस मौके पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी उपस्थित होकर खुले मन से सोल एंड स्पीरिट आर्ट सोसाइटी के चित्रकारों की प्रशंसा की। उन्होंने विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चित्र की सराहना करते हुए कहा कि कलाकारों ने अपने ब्रश और रंगों से बदलते भारत की ऐसी अनूठी तस्वीर उकेरी है, जो आने वाली पीढिय़ों को सदैव प्रेरित करेगी।

 साथ ही कार्यक्रम में हर्षवर्धन शर्मा एडवाइजर, आर्ट एंड कल्चर नई दिल्ली नगर निगम ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति से आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सोल एंड स्पीरिट आर्ट सोसाइटी से जुड़े हरियाणा, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और दिल्ली के कलाकारों ने अपनी रचनात्मकता और समर्पण से इस ऐतिहासिक पेंटिंग को आकार दिया। शनिवार को जानकारी देते हुए समिति के अध्यक्ष दीपक कौशिक ने कहा यह आयोजन कलाकारों के लिए किसी कला महाकुंभ से कम नही है।

यह केवल एक चित्र नही बल्कि भारत की आत्मा, संस्कृति और उपलब्धियों का दस्तावेज है। पेंटिंग में अयोध्या का राम मंदिर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चित्र, भारतीय कला और संस्कृति, प्राचीन मंदिर स्थापत्य, विज्ञान व रक्षा क्षेत्र की उपलब्धियां, मेक इन इंडिया, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ,  विदेशों में भारत का बढ़ता सम्मान और ऑपरेशन सिंदूर जैसी ऐतिहासिक झलकियाँ दर्शाई गई। इस कार्यशाला में प्रमुख रूप से नवीन मरीचि,  प्रदीप कुमार (मूर्तिकार), अमित, विकास रोहिल्ला, मोहित बब्बर,  राजकुमार, जयश्री, सुमित, डॉ. आदेश खेरीवाल, डॉ. राहुल राठौर, हिमांशु पांचाल, नितिन, सुरेश पांचाल,  निरजा, पूनम, शिवांगी अग्रवाल सहित अनेक कलाकारों ने भाग लिया और कैनवास पर बदलते भारत की नई तस्वीर उकेरी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पेंटिंग केवल एक कला आयोजन नही बल्कि भारत की विकास यात्रा का रंगीन और सजीव दस्तावेज होगी।  

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