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हरियाणा: ट्रक ड्राइवर के बेटे ने किया कमाल, राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर मचाया धमाल

नूंह | हरियाणा के मेवात के ट्रक ड्राइवर के बेटे जुनैद ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. उड़ीसा के भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में आयोजित 62वीं नेशनल इंटर स्टेट सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जुनैद ने पुरुषों की 35 किलोमीटर रेस वॉक इवेंट में गोल्ड मेडल जीता है.

जुनैद ने 3.37 घंटे में जीता गोल्ड मेडल

इस प्रतियोगिता में जुनैद ने हरियाणा की ओर से भाग लिया था. उनकी सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए क्षेत्र के लोगों ने बधाई देना शुरू कर दिया है. एथलेटिक फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) के सहयोग से भुवनेश्वर में आयोजित इस प्रतियोगिता में हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब आदि राज्यों के एथलीटों ने पुरुषों की 35 किमी दौड़ दौड़ में भाग लिया. शुक्रवार को भीषण गर्मी में हुई प्रतियोगिता को तीन घंटे 37 सेकेंड में पूरा कर जुनैद ने स्वर्ण पदक जीता.

विदेश से अभ्यास कर भारत लौटे जुनैद

जुनैद ने बताया कि बेहतर ट्रेनिंग और कड़ी मेहनत की वजह से वह यहां तक पहुंच पाए हैं. अब विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों में पदक जीतकर हमें न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश का नाम रोशन करना है. बता दें कि जुनैद को एथलेटिक फेडरेशन ने देश के सर्वश्रेष्ठ एथलीट्स में शामिल किया था. उन्हें अभ्यास के लिए किर्गिस्तान भेजा गया था और इसी सप्ताह वह विदेश से भारत लौटे हैं.

निर्धन परिवार के बेटे जुनैद जीते चुके हैं कई प्रतियोगिताएं

तावडू के पचगांव निवासी जुनैद बेहद साधारण और गरीब परिवार से संबंध रखते हैं. जुनैद के दस सदस्यों का परिवार झौपड़ी में रहता है. उसके पिता ट्रक ड्राइवर हैं. परिवार में दो भाई, छह बहनें हैं, जुनैद सबसे बड़े बेटे हैं. 24 वर्षीय युवा एथलीट जुनैद ने अब तक 14 बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेकर स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीते हैं. वर्ष 2017 से वह लगातार पैदल चाल प्रतियोगिता में पदक प्राप्त कर रहे हैं. जुनैद को वर्तमान में क्षेत्र के एक वरिष्ठ संगठन एमट्रिम फाउंडेशन द्वारा समर्थित किया जा रहा है.

परिवार को हैं जुनैद से बड़ी उम्मीदें

जुनैद के चाचा रोशन ने बताया कि उसके परिवार के सभी लोग खेती, पशुपालन और मजदूरी कर अपना गुजारा करते हैं. उन्होंने जुनैद के पिता की तारीफ करते हुए कहा कि ट्रक ड्राइवर होने के बावजूद उन्होंने उसकी प्रतिभा को पहचाना और उनका काफी साथ दिया. जुनैद की मां रोशनी का कहना है कि वह अपने बेटे की सफलता के बारे में सुनकर बहुत खुश हैं. उन्हें उम्मीद है कि वह पदक जीतकर देश का नाम रोशन करेगा.

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