हरियाणा

हरियाणा के ‘स्टील मैन’ की नशे के खिलाफ जंग, आंखों से 10 और दांत से 60 किलो वजन उठाकर किया 70वां शक्ति प्रदर्शन

भिवानी: हरियाणा में स्टील मैन के नाम से मशहूर अखिल भारतीय युवा जन कल्याण संगठन के अध्यक्ष और विश्व रिकॉर्डधारी स्टील मैन पहलवान बिजेंद्र सिंह ने अपने 100 शक्ति प्रदर्शन के अभियान की कड़ी में शुक्रवार को 70वां शक्ति प्रदर्शन किया. बिजेंद्र नशा मुक्त भारत बनाने का सपना संजोकर विभिन्न शक्ति प्रदर्शनों के माध्यम से युवाओं को नशे के दुष्प्रभाव बचाने का अभियान चला रहे हैं. जिसके तहत उन्होंने 100 शक्ति प्रदर्शन करने का संकल्प लिया है. पहलवान बिजेंद्र खतरनाक स्टंट कर बताने का प्रयास करते हैं कि नशे से दूर रह कर युवा खुद को कितना शक्तिशाली बना सकते हैं.

इसी कड़ी में विश्व रिकॉर्डधारी स्टील मैन पहलवान बिजेंद्र सिंह ने शुक्रवार को गांव बीरण स्थित देवराईज पब्लिक स्कूल में 70वां शक्ति प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने दांतों से बच्चों को झूला झुलाया, आंखों से 10 किलोग्राम वजन उठाया, 60 किलोग्राम के बच्चे को दांतों से उठाकर दौड़ लगाने जैसे शक्ति प्रदर्शन किए. इसके अलावा, विद्यार्थियों को नशा व जंक फूड के दुष्प्रभाव बताए.

इस मौके पर हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की ओर से एएसआई कुलदीप सिंह मुख्य तौर पर मौजूद रहे. इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभाव बताते हुए पंपलेट दिए तथा सभी बच्चों को नशे से दूर रहने का संकल्प दिलाया. इस मौके पर हरियाणा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के एएसआई कुलदीप सिंह ने कहा कि युवा अगर नशा व जंक फूड से दूर रहकर देशी खान-पान की तरफ ध्यान दे तो उनका ना केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक विकास भी बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति नशा छोड़ना चाहता है तो ऐसे व्यक्ति की सूचना टोल फ्री नंबर- 9050891508 पर दें. उसकी जानकारी भी गुप्त रखी जाएगी.

इस अवसर पर पहलवान बिजेंद्र ने कहा कि विद्यार्थी वर्ग देश का भविष्य है. इसलिए विद्यार्थियों को नशे से दूर रखकर ही देश के उज्जवल भविष्य की कामना की जा सकती है. उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार से युवा वर्ग नशे की चपेट में फंसता जा रहा है, उसके लिए जरुरी है कि न केवल अभिभावक, बल्कि शिक्षक भी विद्यार्थियों की गतिविधियों पर ध्यान रखें और उन्होंने नशे से होने वाले घातक परिणामों के बारे में बताते रहें. बिजेंद्र ने कहा कि नशा जैसी सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए प्रशासन की कवायद पर्याप्त नहीं है. इस कार्य को मुकाम तक पहुंचाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग जरूरी है.

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