हिमाचल प्रदेश

Heliport Construction In Rakkar: रक्कड़ में हेलीपोर्ट निर्माण के लिए मिली एफसीए क्लीयरेंस, आपात स्थितियों में भी मिलेगी मदद

धर्मशाला: कांगड़ा जिले के धर्मशाला के रक्कड़ में प्रस्तावित हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के तहत पहले चरण की स्वीकृति मिल गई है. डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने जानकारी देते हुए बताया कि रक्कड़ में हेलीपोर्ट निर्माण के लिए लगभग 25 कनाल भूमि के लिए वन स्वकृति वांछित थी. उन्होंने बताया कि रक्कड़ में हेलीपोर्ट निर्माण को लेकर एफसीए के तहत लगाई गई आपत्तियों का प्रशासन द्वारा निराकरण करने के बाद स्टेज वन की स्वीकृति प्राप्त हो गई है. उन्होंने कहा कि अब वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के तहत दूसरे चरण की स्वीकृति मिलने के बाद रक्कड़ में हेलीपोर्ट निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.

जिले में बनेंगे दो हेलीपोर्ट: दरअसल, जिलाधीश ने बताया कि प्रदेश सरकार ने प्रत्येक जिला मुख्यालय में हेलीपोर्ट बनाने का निर्णय लिया है, लेकिन पर्यटन राजधानी कांगड़ा में दो स्थानों में हेलीपोर्ट बनाए जाने प्रस्तावित हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार धर्मशाला के रक्कड़ और पालमपुर में इसका निर्माण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए पालमपुर में चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय में लगभग 82 कनाल भूमि पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है.

25 कनाल भूमि में बनकर तैयार होगा हेलीपोर्ट: जिलाधीश ने बताया कि पालमपुर में हेलीपोर्ट के निर्माण में लगभग 9 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि पालमपुर में चयनित स्थान पर हेलिकॉप्टर के लिए हैंगर का निर्माण भी किया जाएगा. वहीं, धर्मशाला के रक्कड़ में लगभग 6 करोड़ रूपये की लागत से 25 कनाल भूमि में हेलीपोर्ट बनकर तैयार होगा. जिलाधीश ने बताया कि पालमपुर में हेलीपोर्ट निर्माण के लिए पर्यटन विभाग द्वारा डीपीआर तैयार की जा रही है और धर्मशाला में स्टेज टू की वन स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कार्य किया जाएगा.

पर्यटन के साथ आपात स्थिति में भी उपयोगी: डीसी ने कहा कि इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि आपातकालीन स्थितियों में भी यह उपयोगी होगा. इससे मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में मरीजों को एयरलिफ्ट करने में भी मदद मिलेगी. इसके अतिरिक्त इन हेलीपोर्ट को किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान निकासी स्थल के रूप में उपयोग किया जा सकता है और संकट के समय में राहत प्रदान की जा सकती है. उन्होंने कहा कि हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा ने यह साबित कर दिया है कि क्षेत्र में हेलीपोर्ट से जुड़ी सेवाएं अत्यंत आवश्यक हैं.

पर्यटन राजधानी में एयर कनेक्टिविटी होगी सुदृढ़: डीसी ने बताया कि पर्यटन राजधानी कांगड़ा में एयर कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हवाई सेवाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से हेलीपोर्ट निर्माण के अलावा कांगड़ा एयरपार्ट के विस्तार की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार का कार्य प्रगति पर है और रनवे की लम्बाई 1372 मीटर से बढ़ाकर 3010 मीटर की जाएगी ताकि यहां पर बड़े विमान भी उतर सकें.

सामरिक महत्व भी कम नहीं: उन्होंने कहा कि पर्यटन विकास के अलावा सामरिक दृष्टि से भी यह परियोजनाएं अति महत्वपूर्ण हैं. इससे जहां जिला कांगड़ा के साथ प्रदेश में पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा, वहीं, देश की सुरक्षा के लिहाज से भी इनका महत्व है. उन्होंने बताया कि जिले में बेहतर एयर कनेक्टिविटी से युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर सृजित होंगे.

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