राष्ट्रीय

बाल दिवस पर केरल की अदालत का ऐतिहासिक फैसला, 5 साल की बच्ची से रेप-हत्या के दोषी को फांसी की सजा

तिरुवंतपुरम
बाल दिवस पर केरल की एक अदालत ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए पांच साल की बच्ची से रेप और हत्या के दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। दोषी को बीते 4 नवंबर के दिन मामले में दोषी ठहराया गया था। इस जघन्य कांड ने पूरे देश को हिला दिया था। दोषी का पहले भी आपराधिक इतिहास रहा है। उसने पांच साल पहले दिल्ली में पॉक्सो ऐक्ट के तहत दो महीने जेल की हवा खाई थी। तब वह जमानत पर बाहर आ गया था।केरल के एर्नाकुलम में पॉक्सो अदालत ने बिहार की बच्ची से रेप और हत्या के दोषी अशफाक आलम को सभी 16 अपराधों के दोषी पाया है। 16 में से पांच अपराधों में मौत की सजा का प्रावधान है। अभियोजन पक्ष ने अदालत से दोषी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी।

अपनी दलील में क्या बोला अशफाक
सजा पर बहस के दौरान दोषी बिहार मूल के अशफाक आलम ने अदालत में दावा किया था कि अन्य आरोपियों को छोड़ दिया गया था और केवल उसे ही मामले में पकड़ा गया। हालांकि इसके अलावा, उसने कोई अन्य दलील नहीं दी थी। अदालत ने आरोप पत्र में आलम को सभी 16 अपराधों का दोषी पाया था। आलम को सजा सुनाए जाने के समय पीड़िता के माता-पिता अदालत में मौजूद थे। उसे 4 नवंबर को दोषी ठहराया गया था।

क्या थी घटना
घटना 28 जुलाई 2023 को घटी थी। प्रवासी मजदूर अशफाक आलम पर आरोप है कि उसने बिहार की रहने वाली पांच साल की बच्ची को उसके किराए के मकान से जूस पिलाने के बहाने अपहरण किया। इसके बाद रेप के बाद निर्ममता पूर्वक हत्या कर दी। बच्ची का शव अलुवा बाजार के कूड़े के ढेर में एक प्लास्टिक की थैली से बरामद हुआ था। इस जघन्य हत्याकांड ने पूरे देश को हिला दिया था।  दरिंदे ने बड़ी क्रूरता से बच्ची से न सिर्फ रेप किया मारपीट करके उसकी हत्या कर दी थी।आरोपी ने लड़की को उसके किराए के घर से उस वक्त किडनैप किया, जब उसकी मां घर के काम में व्यस्त थी।

26 दिनों में पूरी हुई सुनवाई
लड़की के लापता होने की सूचना मिलते ही पुलिस ने तेजी दिखाई और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 28 जुलाई की शाम को नशे की हालत में अशफाक को गिरफ्तार किया। मामले में आरोप पत्र 30 दिनों के भीतर दायर किए गए। एर्नाकुलम में अतिरिक्त जिला अदालत में सुनवाई 4 अक्टूबर को शुरू हुई थी। सुनवाई रिकॉर्ड 26 दिनों में पूरी हुई और आरोपी को बलात्कार, हत्या सहित उसके खिलाफ लगाए गए सभी अपराधों का दोषी पाया गया। उस पर अपहरण करने और सबूतों को नष्ट करने का भी दोषी पाया गया।

 

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