हरियाणा

योग के माध्यम से ही जीवन का समग्र विकास संभव

टीम एक्शन इंडिया
चंडीगढ़/दीपिका शर्माो
श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के परिसर में गुरुवार को अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के दौरान एक भव्य विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में हरियाणा योग आयोग के वरिष्ठ सदस्य डॉ मनीष कुकरेजा उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने की।

डॉ. मनीष कुकरेजा ने योग में वर्णित आसनों व शुद्धि क्रियाओं और रोगोपचार में इसकी भूमिका पर विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने अपने शोध विषय को साझा करते हुए सभी से योग को नियमित जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

उन्होंने कहा कि अगर योग में आसन क्रिया को छोड़ दिया जाए तो प्रतिदिन मनुष्य योग करता है, उसके मार्ग अलग-अलग है जैसे ज्ञान योग, भक्ति योग और कर्मयोग, जो भोग और मोक्ष दोनों प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सांस्कृतिक परंपरा में कर्म को सर्वोपरी माना गया है।

इसलिए उसका प्रतिपादन बहुत आवश्यक है। कर्मों से ही भक्ति उत्पन्न होती है। कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने कहा कि आज की भाग – दौड़ भरी जिंदगी में केवल योग के माध्यम से ही हमारे जीवन का समग्र विकास संभव है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button