मस्तिष्क शक्ति बढ़ाने के घरेलू नुस्खे: सरल और प्रभावी उपाय
भारतीयों के दिमाग को दुनिया में सबसे तेज माना जाता था। सीखने और याद करने की क्षमता को देखकर विश्व की बड़ी-बड़ी कंपनियां आसानी से भारतीयों की भर्ती कर लेती थीं। मगर सुस्त जीवनशैली और गलत खानपान की वजह से दिमाग अपनी ताकत खोने लगा है। कुछ काम करने से फिर से इसे शार्प बनाया जा सकता है।
मस्तिष्क की क्षमता कैसे बढ़ाएं? ब्रेन फंक्शन को तेज करने के लिए आपको कई सारी चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। इसमें डाइट, फिजिकल एक्टिविटी, माइंड एक्टिविटी, स्लीप रुटीन, सपोर्ट और चैलेंजेस शामिल होती हैं। इस आर्टिकल में बताए 10 काम करने से आपका दिमाग तेज बन जाएगा।
1. तेज दिमाग के लिए खाएं ये चीजें
मेमोरी पावर बढ़ाने के लिए विटामिन, मिनरल और हेल्दी फैट से भरी डाइट लें। हार्वर्ड का मानना है कि हरी पत्तेदार सब्जियां, फैटी फिश, नट्स खासकर अखरोट, बेरीज, फीकी चाय-कॉफी लेने वालों की ब्रेन पावर काफी ज्यादा होती है। यह दिमाग की बीमारी से भी बचाते हैं।
2. शरीर से जुड़ा है दिमाग
शरीर को हेल्दी रखे बिना भी दिमाग को सुपरफास्ट बनाया जा सकता है। अगर आप ऐसा सोचते हैं तो बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाने से दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है। इससे नए ब्रेन न्यूरोन बनते हैं और ब्रेन प्लास्टिसिटी बढ़ती है। यह याददाश्त और कॉग्निटिव फंक्शन को बढ़ाता है।
3. दिमाग की एक्सरसाइज
मसल्स की तरह दिमाग की सीमाएं भी बढ़ाई जा सकती हैं। आप दिमाग को जितनी चुनौतियां देंगे, वो उतना बेहतर काम करेगा। इस काम को पजल्स, रीडिंग, माइंड गेम्स से किया जा सकता है। यह ब्रेन को स्टिम्युलेट करते हैं और डिमेंशिया-अल्जाइमर से बचाते हैं।
4. मेडिटेशन
मेडिटेशन करने से फोकस बढ़ता है जिससे आप किसी भी काम को बेहतर तरीके से कर पाते हैं। आप को छोटी-छोटी बातें याद रहने लगती हैं। मेडिटेशन से दिमाग में ग्रे मैटर की संख्या बढ़ती है, जो मेमोरी और इमोशन को रेगुलेट करते हैं।
5. नींद में तेज बनता है ब्रेन
नींद में दिमाग को आराम मिलता है। इसी वक्त यह दिनभर मिली जानकारी को प्रोसेस करता है, याददाश्त बनाता है और टॉक्सिन निकालता है। बहुत सारी रिसर्च बताती हैं कि नींद की कमी से कॉग्निटिव फंक्शन और मेमोरी पावर कम हो जाती है।
इन कामों को न समझें बेकार
6. दोस्तों से इमोशनल सपोर्ट
7. नयी स्किल सीखना
8. डायरी लिखना
9. ठंडे पानी से नहाना
10. सकारात्मक सोच