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दौसा में सचिन के गुर्जर और गहलोत के माली वोटों से उम्मीद, मुरारी को साथ मिला तो समझो भाजपा का पत्ता साफ

दौसा.

दौसा लोकसभा सीट पर 7 लाख से ज्यादा मीणा, साढ़े तीन लाख के लगभग गुर्जर और करीब ढाई लाख  सैनी मतदाता हैं। ऐसे में सचिन इस सीट पर पूरा जोर लगा रहे हैं क्योंकि यहां से सचिन पायलट के निकटतम माने जाने वाले मुरारीलाल मीणा चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में अगर पायलट की बात मानते हुए गुर्जर वोट मुरारी के खाते में चला जाता है और मीणाओं के वोट काटने में भी वे सफल हो जाते हैं तो भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

इतना ही नहीं यदि इसमें अशोक गहलोत का साथ भी मिल जाए तो माली वोट भी मुरारीलाल मीणा के समर्थन में चला जाएगा। ऐसे में कांग्रेस राजस्थान में बीजेपी की 25 सीटें जीतने की हैट्रिक रोकने में कामयाब हो सकती है। भाजपा शायद इस बात से अनजान नहीं है इसलिये इस सीट की गंभीरता को समझते हुए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दौसा लोकसभा में रोड शो किया गया। डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को प्रधानमंत्री द्वारा हर मंच पर सम्मान दिया गया और यह दिखाने का प्रयास किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और किरोड़ीलाल मीणा के बीच खासी नजदीकियां हैं। डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने भी अपना पूरा दमखम इसी सीट पर लगा रखा है। डॉ. मीना ने कई सभाओं के दौरान तो यहां तक कह दिया कि अगर यह सीट हारे तो मैं मंत्री पर छोड़ दूंगा। किरोड़ीलाल अपने समाज के लोगों को कसम तक देते हुए नजर आए, जो इस सीट पर होने वाले कांटे के मुकाबले को दर्शाता है।

विधानसभा चुनावों के दौरान दौसा लोकसभा क्षेत्र में आठ में से 5 विधानसभा सीटें बीजेपी को मिली थीं। बस्सी, थानागाजी और दौसा सीटें कांग्रेस के पास हैं। दौसा ऐसी लोकसभा सीट है, जिसमें तीन जिलों (जयपुर, अलवर और दौसा) की विधानसभा सीटें आती हैं।

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