कारोबार

एचपीसीएल अगले साल से दूसरी कंपनियों से डीजल नहीं खरीदेगी

नई दिल्ली
 हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) आंध्र प्रदेश में अपनी विशाखापत्तनम रिफाइनरी का विस्तार पूरा करने और अगले वित्त वर्ष में राजस्थान में एक नई रिफाइनरी स्थापित करने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और नायरा एनर्जी जैसी कंपनियों से डीजल खरीदना बंद कर देगी। कंपनी के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। देश में करीब एक-चौथाई पेट्रोल पंप एचपीसीएल के हैं लेकिन उसके पास पेट्रोल तथा डीजल का उत्पादन करने के लिए पर्याप्त तेल शोधन क्षमता नहीं है। इसलिए इसकी भरपाई के लिए वह मेंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल), गुजरात में रिलायंस इंडस्ट्रीज की जामानगर इकाइयों और नायरा की वाडिनार रिफाइनरी से उत्पाद खरीदती है।

एचपीसीएल के चेयरमैन पुष्प कुमार जोशी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में परिसंपत्तियों की 'गुणवत्ता तथा क्षमता को मजबूत करने' में पूंजीगत व्यय पर कंपनी के ध्यान देने के अब नतीजे आने शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी पहले ही अपनी मुंबई रिफाइनरी की क्षमता को 75 लाख टन से बढ़ाकर 95 लाख टन प्रति वर्ष कर चुकी है। विशाखापत्तनम इकाई का विस्तार करके उसकी क्षमता अगले साल तक 1.5 करोड़ टन तक की जाएगी। उत्पाद ‘सोर्सिंग' मिश्रण के बारे में पूछे जाने पर एचपीसीएल के निदेशक (वित्त) रजनीश नारंग ने कहा कि कंपनी की मुंबई तथा विशाखापत्तनम रिफाइनरियां वर्तमान में कंपनी द्वारा बेचे जाने वाले पेट्रोल का 43 प्रतिशत और डीजल का 47 प्रतिशत प्रदान करती है।

एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी लिमिटेड उद्योगपति लक्ष्मी निवास मित्तल के साथ एक संयुक्त उद्यम वाली कंपनी और यह 24 प्रतिशत पेट्रोल तथा 31 प्रतिशत डीजल प्रदान करती है। बाकी 34 प्रतिशत पेट्रोल और 21 प्रतिशत डीजल दूसरी कंपनियों से आता है। उन्होंने कहा कि एक बार जब विशाखापत्तनम का विस्तार अगले साल पूरा हो जाएगा, तो एचपीसीएल की अपनी रिफाइनरियां 61 प्रतिशत डीजल की मांग पूरी करेंगी। एचएमईएल 16 प्रतिशत देगी और 23 प्रतिशत बाहरी कंपनियों से लिया जाएगा।

नारंग ने कहा, ‘‘एक बार जब राजस्थान रिफाइनरी स्थापित हो जाएगी, तो डीजल की पूरी आवश्यकता एचपीसीएल की अपनी तथा संयुक्त उद्यम रिफाइनरियों से पूरी हो जाएगी।'' उन्होंने कहा कि पेट्रोल की मांग में से 49 प्रतिशत एचपीसीएल की मौजूदा दो रिफाइनरियों से, 10 प्रतिशत एचएमईएल से, 12 प्रतिशत राजस्थान रिफाइनरी से और शेष 29 प्रतिशत एमआरपीएल, रिलायंस और नायरा जैसी अन्य रिफाइनरियों से पूरी की जाएगी।  

 

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