’20 साल से मैं भी सह रहा हूं अपमान’, PM मोदी ने उपराष्ट्रपति धनखड़ को किया फोन
नई दिल्ली
उपराष्ट्रपति ने आगे लिखा, ''प्रधानमंत्री ने मुझे बताया कि वह पिछले बीस वर्षों से इस तरह के अपमान सह रहे हैं। लेकिन भारत के उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद के साथ और वह भी पवित्र संसद में ऐसा व्यवहार करना दुर्भाग्यपूर्ण है।''
धनखड़ ने कहा, ''मैंने उनसे कहा प्रधानमंत्री जी कुछ लोगों की हरकतें मुझे अपना कर्तव्य निभाने और हमारे संविधान में निहित सिद्धांतों को बनाए रखने से नहीं रोकेंगी। मैं तहे दिल से उन मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध हूं। कोई भी अपमान मुझे अपना रास्ता बदलने पर मजबूर नहीं करेगा।''
राष्ट्रपति द्रौपदी मुमू बोलीं- निराशा हुई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा,'जिस तरह से हमारे सम्मानित उपराष्ट्रपति को संसद परिसर में अपमानित किया गया, उसे देखकर मुझे निराशा हुई. निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपनी अभिव्यक्ति के लिए स्वतंत्र होना चाहिए, लेकिन उनकी अभिव्यक्ति गरिमा और शिष्टाचार के मानदंडों के भीतर होनी चाहिए. यह संसदीय परंपरा रही है जिस पर हमें गर्व है और भारत के लोग उनसे इसे कायम रखने की उम्मीद करते हैं.'
निलंबन के बाद सांसद ने की थी मिमिक्री
बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र में जबरदस्त हंगामा हुआ, जिसके बाद 141 सांसदों को हंगामा करने की वजह से निलंबित कर दिया गया. ऐसे में विपक्षी सांसद 19 दिसंबर को संसद भवन के बाहर बैठकर प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल उतारकर मिमिक्री की, जिस पर उपराष्ट्रपति भड़क गए. उपराष्ट्रपति ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि यह हास्यास्पद और अस्वीकार्य है कि एक सांसद मजाक उड़ा रहा है और दूसरा सांसद उस घटना का वीडियो बना रहा है.
घटना को सभापति ने बताया शर्मनाक
मजाक उड़ाए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा था,'यह एक किसान और एक समुदाय का अपमान मात्र नहीं है, यह राज्य सभा के सभापति के पद का निरादर है और वह भी एक ऐसी राजनीतिक पार्टी के सदस्य द्वारा जिसने इतने लंबे समय तक शासन किया हो. संसद का एक वरिष्ठ सदस्य, दूसरे सदस्य की वीडियोग्राफी करता है. किस लिए? मैं आपको बताता हूं कि मुझे बहुत कष्ट हुआ है. इंस्टाग्राम पर, चिदंबरम जी आपकी पार्टी ने एक वीडियो डाला था जिसे बाद में हटा लिया गया, यह शर्मनाक है.'
इस मामले पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भी बयान सामने आया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "जिस तरह से हमारे सम्मानित उपराष्ट्रपति को संसद परिसर में अपमानित किया गया, उसे देखकर मुझे निराशा हुई। निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपनी अभिव्यक्ति के लिए स्वतंत्र होना चाहिए, लेकिन उनकी अभिव्यक्ति की गरिमा और शिष्टाचार के मानदंडों के भीतर होनी चाहिए। यह संसदीय परंपरा रही है जिस पर हमें गर्व है और भारत के लोग उनसे इसे कायम रखने की उम्मीद करते हैं।"
आपको बता दें कि संसद में विपक्ष के एक सांसद द्वारा सभापति जगदीप धनखड़ की नकल कर उनका कथित रूप से मजाक उड़ाए जाने की घटना पर उच्च सदन में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। सभापति घटना से आहत दिखे और उन्होंने सदन में अपनी पीड़ा व्यक्त की। वहीं, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने घटना की निंदा करते हुए विपक्ष से माफी मांगने को कहा।
सभापति धनखड़ ने संसद परिसर की घटनाओं पर पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि किसान और जाट पृष्ठभूमि को लेकर मुझे निशाना बनाया जा रहा है। मेरा अपमान किया जा रहा है। उन्होंने सदन में मौजूद कांग्रेस नेता और राज्य सभा सांसद पी. चिदंबरम को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सोचिये! मेरे दिल पर क्या गुजर रही होगी, जब आपके एक वरिष्ठ नेता उपराष्ट्रपति का मजाक उड़ाने की वीडियोग्राफी कर रहे थे। जबकि, मुझ पर व्यक्तिगत हमला किया जा रहा था। धनखड़ ने कहा कि यह एक किसान और एक समुदाय का अपमान मात्र नहीं है। यह राज्य सभा के सभापति के पद का निरादर है। वह भी एक ऐसी राजनीतिक पार्टी के सदस्य द्वारा, जिसने इतने लंबे समय तक शासन किया हो।
कथित मखौल बनाने की घटना पर पीड़ा व्यक्त करते हुए धनखड़ ने कहा आज हमें सबसे गिरा हुआ स्तर देखने का मौका मिला। उन्होंने सदन में मौजूद कांग्रेस सांसद चिदंबरम से पूछा कि संसद का एक वरिष्ठ सदस्य, दूसरे सदस्य की वीडियोग्राफी करता है किसलिए? आपको बताता हूं कि मुझे बहुत कष्ट हुआ है। इस तरह की घटनाओं को गंभीर मसला बताते हुए सभापति ने आगे कहा कि इंस्टाग्राम पर आपकी (कांग्रेस) पार्टी ने एक वीडियो डाला था, जिसे बाद में हटा लिया गया। यह शर्मनाक है।