पीलिया की पहचान: पहला संकेत और उसके संकेत
पीलिया (Jaundice) लिवर की खराबी से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जिसमें त्वचा और आंखों का सफेद भाग पीला हो जाता है। यह तब होता है जब शरीर में बिलीरुबिन नामक पीले पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है। हीमोग्लोबिन के टूटने पर बिलीरुबिन बनता है।
यह लिवर में पित्त के साथ मिलकर पाचन तंत्र में चला जाता है, जहां से यह ज्यादातर मल के साथ शरीर से बाहर निकल जाता है। अगर बिलीरुबिन लिवर और पित्त नलिकाओं से जल्दी नहीं निकल पाता है, तो यह खून में जमा हो जाता है और त्वचा, आंखों और अन्य ऊतकों में जमा हो जाता है, जिससे पीलिया हो जाता है।
19 अप्रैल को वर्ल्ड लिवर डे मनाया जाता है इस दिन को मनाने का उद्देश्य लिवर के स्वास्थ्य और उससे जुड़ी बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाना है। इस अवसर के मद्देनजर पर जानिए पीलिया क्या है, इसके क्या कारण हैं और इससे बचने के क्या उपाय हैं।
वयस्कों में पीलिया के लक्षण
त्वचा के रंग में बदलाव
आंखों के सफेद हिस्से का पिलाना होना
फ्लू जैसे लक्षण, जैसे बुखार और ठंड लगना
गहरे रंग का मूत्र
मिट्टी के रंग का मल
त्वचा में खुजली
वजन घटना
उल्टी या मल में खून आना
पेट में ज्यादा दर्द होना
वयस्कों में पीलिया के कारण और जोखिम कारक
कुछ दवाएं और बीमारियां
शराब का अत्यधिक सेवन
जेनेटिक मेटाबोलिज्म डिसऑर्डर
पित्ताशय की पथरी या सूजन
पित्ताशय का कैंसर
अग्न्याशय का कैंसर
डायबिटीज, मोटापा, नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर डिजीज
पीलिया से बचने के उपाय
हेपेटाइटिस संक्रमण से बचें
यदि आप शराब पीते हैं, तो कम मात्रा में पियें, या यदि आपको हेपेटाइटिस या लिवर की समस्या है, तो बंद कर दें
अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होने से बचें
अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल को मेंटेन करें
पीलिया होने पर क्या खाएं क्या नहीं
हर्बल चाय और कॉफी
सीमित मात्रा में कॉफी पीना लिवर सिरोसिस को कम करने में मदद करता है और लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। साथ ही चाय या कॉफी का सेवन लिवर के लिए हानिकारक एंजाइमों के स्तर को भी नियंत्रित कर सकता है।
प्रोटीन वाले फूड्स का सेवन करें
प्रोटीन शरीर को ठीक होने में मदद करता है क्योंकि यह डैमेज सेल्स को रिपेयर करता है। पीलिया होने पर प्रोटीन का सेवन बढ़ाने से एंजाइम का उत्पादन बेहतर होता है, जिससे शरीर में हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलती है।
फाइबर का सेवन बढ़ा दें
लिवर को स्वस्थ रखने के लिए फाइबर बहुत जरूरी होता है। फाइबर पित्त को नलिकाओं से निकलने में मदद करता है, मल त्याग को आसान बनाता है और शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल को कंट्रोल करता है। फाइबर धमनियों और लिवर में फैट को जमा होने से रोकता है और लिवर के कामकाज को बेहतर बनाता है।
विटामिन
विटामिन जल्दी ठीक होने में पीलिया के मरीजों की काफी मदद करते हैं। विटामिन बी शरीर में वसा को सोखने और तोड़ने में मदद करता है। विटामिन ए, डी, ई और सी स्वस्थ हो रहे लिवर को मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
फल
खट्टे फलों में इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं जो शरीर को हाइड्रेट रखते हैं। साथ ही ये पानी में भी उच्च होते हैं जो रिकवरी प्रोसेस के दौरान शरीर के लिए जरूरी है। पीड़ित व्यक्ति के लिए जामुन, पपीता, एवोकैडो, खरबूज और अंगूर जैसे फल फायदेमंद होते हैं।