अगर उत्तर पुस्तिका की सिलाई उखड़ी या कम पेज पाए गए तो नकल श्रेणी में दर्ज: MP Board
भोपाल
माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की 10 वीं व 12 वीं की बोर्ड परीक्षा में नकल प्रकरण पर रोक के लिए कई एहतियात बरते गए हैं। इस बार प्रश्नपत्रों के बंडलों को थाना से निकालने और वितरित करने में कई सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। प्रश्नपत्रों के साथ कोरी उत्तरपुस्तिकाओं का वितरण और क्रमांकवार किया जाएगा। अगर उत्तरपुस्तिका की सिलाई उखड़ी, टूटी या कम पेज होने पर किसी भी विद्यार्थी को वितरित नहीं की जाए।ऐसी उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा, बल्कि नकल प्रकरण में दर्ज होगा।
माशिमं ने जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि परीक्षा केंद्र पर प्रतिदिन उपयोग की जाने वाली उत्तरपुस्तिका पर आवश्यक पद मुद्रा अंकित कर तैयार करना होगी। साथ में यह भी सुनिश्चित किया जाना होगा कि उत्तरपुस्तिका की सिलाई उखड़ी या टूटी होने पर किसी भी छात्र को वितरित नहीं की जाए। ऐसी उत्तरपुस्तिका छात्रों द्वारा जमा की जाती है तो उसका मूल्यांकन नहीं किया जाएगा। इसे नकल की श्रेणी में रखा जाएगा। वहीं, मंडल ने साफ कर दिया है कि परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा शुरू होने के एक दिन पहले सभी व्यवस्था पूरी कर ली जाएं।
केंद्राध्यक्ष उत्तरपुस्तिकाओं के बंडल को सील्ड करेंगे
केंद्राध्यक्ष प्रतिदिन परीक्षा समाप्ति के बाद उत्तरपुस्तिकाओं के बंडल सील्ड किए जाने से पहले विद्यार्थियों द्वारा अंकित रौल नंबर की जांच-मिलान की जाए, यदि कोई रौल नंबर में कांट-छांट की गई है तो उपस्थिति पत्रक से मिलान की सही रौल नंबर अंकित कर बंडल सील्ड किया जाए। मूल्यांकन के दौरान कांट-छांट के प्रकरण पाए जाते हैं तो संबंधित केंद्राध्यक्ष व सहायक केंद्राध्यक्ष के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
ओएमआर शीट से मिलान कर लें
ओएमआर शीट सहित उत्तरपुस्तिका पर विद्यार्थियों द्वारा भरी जाने वाली जानकारी की जांच व मिलान कर लें। उनके द्वारा ओएमआर शीट पर सही गोलों को बाल पेन काले या नीले से ही किया गया है। अमूल्यांकित उत्तरपुस्तिकाओं के बंडल निर्धारित थाने में एवं नकल प्रकरण की उत्तरपुस्तिकाओं के बंडल संकलन केंद्र पर निर्धारित समय पर जमा करना है।
इनका कहना
इस साल नकल प्रकरण से लेकर प्रवेश पत्र और उत्तरपुस्तिकाओं के वितरण में कई जरूरी एहतियात बरते गए हैं।उत्तरपुस्तिका की सिलाई उखड़ी,टूटी या कम पेज पाई गई तो नकल श्रेणी में दर्ज किया जाएगा।
बलवंत वर्मा, परीक्षा नियंत्रक, माशिमं