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आसमान में उड़ने का सपना करना है पूरा, पॉयलट बनकर भरे उड़ान, बस करना होगा ये काम

क्या आप बचपन से ही नीले आसमान में उड़ने का सपना देखते रहे हैं? क्या आपको विमानों को हवा में उड़ते हुए देखकर रोमांच होता है? अगर हां, तो आपके लिए खुशखबरी है! आप सरकारी पायलट बनकर अपने सपने को हकीकत में बदल सकते हैं. सरकारी पायलट बनना न केवल एक सम्मानजनक पेशा है, बल्कि यह एक बेहतरीन करियर ऑप्शन भी है. सरकारी पायलटों को आकर्षक वेतन, बेहतरीन सुविधाएं और यात्रा के अवसर मिलते हैं. लेकिन सरकारी पायलट बनना आसान नहीं है. आपको कड़ी मेहनत, लगन और अनुशासन के साथ-साथ कुछ खास योग्यताएं भी हासिल करनी होंगी. चलिए जानते हैं कैसे बनते हैं सरकारी पायलट क्या होनी चाहिए योग्यता.

शैक्षणिक योग्यता

शैक्षिक योग्यता: 12वीं विज्ञान (भौतिकी और गणित अनिवार्य) पास होना जरूरी है.

शारीरिक योग्यता: आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ और तंदुरुस्त होना चाहिए. आपकी आंखे बिल्कुल सही होनी चाहिए. आपको किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या नहीं होनी चाहिए.

मानसिक योग्यता: आपको मानसिक रूप से मजबूत और तनाव का सामना करने में सक्षम होना चाहिए. आपके अंदर तुरंत निर्णय लेने और दबाव में काम करने की क्षमता भी होनी चाहिए.

भारतीय वायु सेना (आईएएफ): आईएएफ में शामिल होने के लिए, आपको नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) या कॉम्बाइंड डिफेंस सर्विसेज एग्जामिनेशन (सीडीएस) पास करना होगा. एनडीए 3 साल का कोर्स है, जिसके बाद आपको 1 साल का फ्लाइंग ट्रेनिंग दी जाती है. सीडीएस 1 साल का कोर्स है, जिसके बाद आपको भी 1 साल का फ्लाइंग ट्रेनिंग दी जाती है.

भारतीय नौसेना (आईएन): आईएन में शामिल होने के लिए, आपको नेवल एकेडमी में एडमिशन लेना होगा. नेवल एकेडमी 3 साल का कोर्स है, जिसके बाद आपको 1 साल का फ्लाइंग ट्रेनिंग दी जाती है.

थल सेना (आईए): आईए में भी हेलीकॉप्टर पायलटों की भर्ती होती है. इसके लिए, आपको कॉम्बाइंड डिफेंस सर्विसेज एग्जामिनेशन (सीडीएस) परीक्षा पास करना होगा. सीडीएस 1 साल का कोर्स है, जिसके बाद आपको 1 साल का फ्लाइंग ट्रेनिंग दी जाती है. इनके अलावा, कुछ प्राइवेट फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल भी हैं जो आपको कमर्शियल पायलट बनने के लिए ट्रेनिंग देते हैं.

करियर की संभावनाएं

सरकारी पायलट: आप आईएएफ, आईएन या आईए में पायलट के रूप में काम कर सकते हैं.

कमर्शियल पायलट: आप एयरलाइंस में पायलट के रूप में काम कर सकते हैं.

उड़ान प्रशिक्षक: आप उड़ान प्रशिक्षण स्कूलों में प्रशिक्षक के रूप में काम कर सकते हैं.

एयर ट्रैफिक कंट्रोलर: आप एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के रूप में काम कर सकते हैं.

वैज्ञानिक और इंजीनियर: आप एयरोस्पेस इंजीनियरिंग या विमानन विज्ञान के क्षेत्र में वैज्ञानिक या इंजीनियर के रूप में काम कर सकते हैं.

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