IIT Jodhpur ने बनाया Adopter अब सोलर पैनल से होंगे इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्ज, कीमत मात्र 1000 रुपये
जोधपुर
भारत सहित पूरी दुनिया में हालिया कुछ सालों में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का क्रेज बढ़ा है.इलेक्ट्रॉनिक वाहनों चार्जिंग एक बड़ी समस्या होती है, लेकिन अब चार्जिंग की यह समस्या खत्म होने वाली है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर (आईआईटी) के शोधकर्ताओं ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) के लिए एक चार्जिंग एडाप्टर का निर्माण किया है.
इस एडाप्टर की सहायता से आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहन का इस्तेमाल करने वाले लोग रास्ते में कहीं पर भी अपनी गाड़ी को सीमित संसाधनो के बीच आसानी से चार्ज कर पाएंगे. इसके तहत ईवी व्हीकल के लिए सरकार पिलो टॉप सोलर पैनल लगाने की योजना बना रही है. जिसमें यह एडाप्टर काफी कारगर सिद्ध हो सकता है.
पेट्रोल के दाम बढ़ने से बढ़ा ईवी व्हीकल का क्रेज
जोधपुर आईआईटी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर निशांत कुमार ने बताया कि आज के समय में पेट्रोल का दाम बढ़ने की वजह से लोग इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ देख रहे हैं. आज के समय में इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार सब्सिडी भी दे रही है. इसके चलते लोग इलेक्ट्रानिक्स व्हीकल खरीद रहे हैं, लेकिन इसके इस्तेमाल में एक बड़ी समस्या सामने आ रही है.
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन और संसाधन जितनी मात्रा में होने चाहिए, वो नहीं होने की वजह से भी इलेक्ट्रिक व्हीकल लेने वालों के लिए परेशानी बनी हुई है. जल्द बैट्री डिस्चार्ज हो जाने पर सफर के दौरान कई बार पहाड़ी और वन्य क्षेत्र में और भी ज्यादा समस्या सामने आती हैं. इसकी वजह से भी लोग ईवी व्हीकल खरीदने से कतराते हैं.
हालांकि समस्या को दूर करने के लिए भारत सहित कई देश इसको लेकर काम कर रहे हैं. अगले 5 सालों में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप होना मुश्किल है, इसलिए कई देश अमेरिका, कनाडा, चीन, रूस, इंडिया, ऑस्ट्रेलिया पिलो टॉप सोलर पैनल की योजना बना रहे हैं. जिसमें एक खंभे पर सोलर पैनल और उसे अटैच सोलर सर्किट लगाया जाना है। जिसे ऑपरेट करने की जिम्मेदारी ईवी कंपनी की होगी.
सिर्फ 1000 के एडाप्टर से होगी गाड़ी चार्ज
वर्तमान में सोलर पैनल के साथ बिना किसी पावर कनवर्टर के ज्यादा से ज्यादा पावर निकालना मुश्किल है. इसके लिए एक चार्जिंग एडाप्टर की जरूरत होगी, क्योंकि कंपनी की ओर से जो चार्जर दिया जाता है, उसमें यह व्यवस्था नहीं होती है कि वह सोलर से भी पावर जनरेट कर सके और उसे ऑपरेट कर सके.
इस समस्या को ध्यान में रखते हुए जोधपुर आईआईटी ने एक हजार से भी कम कीमत का चार्जिंग एडाप्टर बनाया है. जो जरूरत के हिसाब से गाड़ी को चार्ज करने का काम करेगा. इस कंडक्टर में खास बात यह है कि इसमें कंपनी की ओर से दिए गए वायरिंग को खोलने की जरूरत नहीं है. इसमें दो पॉइंट दिए गए हैं, जो जरूरत के हिसाब से पावर सप्लाई का काम करेंगे।
'सभी गाड़ियों में काम करेगा एडाप्टर'
आईआईटी जोधपुर के इलेक्ट्रिकल विभाग के डॉ निशांत कुमार ने बताया कि यह एडाप्टर हर तरह की गाड़ी में काम करेगा. इसको बनाकर टेस्ट किया गया है, जो सक्सेस रहा है. अब इसे जल्द मार्केट में लांच किया जाएगा. इसके सेंसर के उपयोग से इसकी लागत कम है. विद्युत चुंबकीय होने से इसकी संवेदनशीलता न्यूनतम हो जाती है. इसकी वजह से यह तकनीक अधिक विश्ववसनीय और सस्ती है.
पिलर टॉप सोलर पैनल क्या है?
पिलर टॉप सोलर पैनल एक साधारण चार्जिंग प्वाइंट होता है, जिसे उस जगह पर लगाया जाता है जहाँ सूरज की किरणें आती हों। इस पैनल के साथ एक विशेष एडॉप्टर की जरूरत होती है, जो सौर ऊर्जा को ग्रिड ऊर्जा के बराबर पावर देता है।
भविष्य की योजनाएँ
आईआईटी जोधपुर ने इस एडॉप्टर के सभी स्तर के ट्रॉयल पूरे कर लिए हैं और इसका औद्योगिक परीक्षण भी सफलतापूर्वक कर लिया है। अब जल्द ही इसे बाजार में उतारने की तैयारी है, जिसकी कीमत मात्र एक हजार रुपये होगी।
जोधपुर आईआईटी का यह प्रयास ग्रामीण इलाकों में इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग की समस्या को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सोलर पैनल के माध्यम से चार्जिंग की सुविधा न केवल पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशनों की कमी को भी पूरा करने में सहायक हो सकती है। यह पहल भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में एक नई दिशा देने में मददगार साबित हो सकती है।