अन्य राज्यमध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश में पुलिस कस्टडी में हिंसा या मौत पर SP भी होंगे जिम्मेदार, अब निगरानी और सुदृढ़ की जाएगी

भोपाल
प्रदेश में पुलिस अभिरक्षा में होने वाली हिंसा के लिए संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक को भी जिम्मेदार माना जाएगा। साथ ही हवालात में बंद कैदी की निगरानी के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देखने के लिए सहायक उपनिरीक्षक (एएसआइ) स्तर के पुलिसकर्मी की 24 घंटे ड्यूटी लगाई जाएगी। यह निर्देश पुलिस मुख्यालय के एडीजी (सीआइडी) पवन श्रीवास्तव ने भी जोनल महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षकों को दिए हैं। कैदी की सुरक्षा के लिए पूरे समय एक आरक्षक या प्रधान आरक्षक की ड्यूटी लगाई जाएगी।

पुलिस अभिरक्षा में हिंसा
बता दें कि पुलिस अभिरक्षा में हिंसा और मौत को लेकर मानव अधिकार आयोग भी समय-समय अनुशंसाएं करता रहा है। इस आधार पर पहले भी व्यवस्थाओं में सुधार किया गया है, पर अब निगरानी और सुदृढ़ की जाएगी। एक जुलाई से प्रभावी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 37 के अंतर्गत सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि पुलिस अभिरक्षा में कैदी की सुरक्षा के लिए सहायक उप निरीक्षक या उससे ऊपर के अधिकारी को अभिहित अधिकारी नामित करे। हवालात की निगरानी वाले सीसीटीवी कैमरे पूरे कक्ष को कवर करें। बंदियों की सुरक्षा की दृष्टि से सीएसपी और एसडीओपी से लेकर पुलिस अधीक्षक स्तर तक के अधिकारी को नियमित थानों का भ्रमण करने के लिए कहा गया है।

थानों के हवालात के लिए पर्याप्त बल
निर्देश में कहा गया है कि थानों के हवालात के लिए पर्याप्त बल उपलब्ध कराया जाए। किसी थाने में बल नहीं है तो वहां हवालात में बंदी को नहीं रखा जाए। उसकी जगह पास के दूसरे थाने में रखा जाए। बीमार, नशा किया हुआ और घायल व्यक्ति को थाने के हवालात की जगह तुरंत अस्पताल भेजा जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
slot gacor toto 4d slot toto slot gacor thailand slot777 slot tergacor https://mataerdigital.com/ istanapetir slot gacor cupangjp situs maxwin ayamjp gampang menang slot online slot gacor 777 tikusjp situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot