बारिश में पुलिस के जवान ने दर्द से तड़पती गर्भवती महिला को कावड़ में पहुंचाया अस्पताल
रायगढ़
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की पुलिस ने मानवता की मिशाल पेश की है. कापू थाना क्षेत्र के अंतर्गत पहाड़ों और जंगलों के बीच ग्राम पारेमेर घुटरूपारा बसा है. बरसात के दिनों में गांव की ओर चार पहिया वाहन का पहुंचना मुश्किल है. ऐसे में घुटरूपारा में एक महिला को प्रसव पीड़ा उठना परिवार के लिए मुसीबत बन गया. परिवार ने डायल 112 को मदद के लिए संपर्क किया. सूचना पर वाहन से टीम मदद के लिए रवाना हुई लेकिन गाड़ी के लिए रास्ता नहीं होने से आरक्षक पैदल ही पीड़िता के घर पहुंचे और बिना देरी किये कावड़ में बैठकर गर्भवती महिला को पहाड़ी और नाला पार करते हुए 3 किलोमीटर का सफर तय कर वाहन तक लाए. जिसके बाद महिला को वाहन से अस्पताल ले जाया जा रहा तभी बीच रास्ते में प्रसव पीड़ा बढ़ गई और रास्ते में ही सूझबूझ के साथ मितानिनों की मदद से महिला का प्रसव कराया गया.
जानकारी के अनुसार, कापू थाना अंतर्गत घुटरूपारा निवासी सुष्मिता (28 साल) का प्रसव पीड़ा उठा. जिसके बाद महिला के परिजनों ने डायल 112 से मदद के लिए संपर्क किया. मेडिकल इमरजेंसी का काॅल कापू थाना राईनो को प्राप्त हुआ. वहीं डायल 112 ड्यूटी में तैनात आरक्षक विपिन किशोर खलखो और ईआरवी वाहन चालक छोटू दास तुरंत रवाना हुए . गर्भवती महिला का घर नाला, पहाड़ी के उस पार स्थित होने और वाहन आवागमन के लिए रास्ता नहीं होने से आरक्षक और वाहन चालक पैदल ही महिला के घर पहुंचे. गर्भवती महिला की स्थिति को देखकर बिना देरी किये आरक्षक प्रबल किशोर ने कावड़ से प्रसव पीड़ित महिला को वाहन तक ले जाने घरवालों को राजी किया और स्वयं एक युवक के साथ कांवर में महिला को उठाकर वाहन की ओर चल पड़ा. गर्भवती महिला को कांवर में लेकर जवान करीब 3 किमी पहाड़ी, नाला को पार कर वाहन तक पहुंचा और वाहन में बिठाकर अस्पताल ले जा रहा था.
इस दौरान रास्ते में गर्भवती महिला को अत्यधिक पीड़ा होने से जवान ने सूझबूझ का परिचय देते हुए वाहन पेड़ की आड़ में खड़ा करवाया. जहां मितानिन और महिला के परिजन ने पर्दा कर गर्भवती महिला का सुरक्षित प्रसव कराया. प्रसव के बाद डायल 112 वाहन से तत्काल नजदीकी शासकीय अस्पताल जमरगा में महिला और शिशु को भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टर ने जच्चा-बच्चा दोंनो को स्वस्थ बताया. स्थानीय लोगों ने ऐसी स्थिति में पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया और डायल 112 के माध्यम से सहायता प्रदान करने की सराहना की है.