राष्ट्रीय

कश्मीर समेत तमाम मुद्दों पर पाक जैसे देशों का साथ देने वाले तुर्की को भारत ने कड़ा सबक सिखाया

नई दिल्ली
कश्मीर समेत तमाम मुद्दों पर पाकिस्तान जैसे देशों का साथ देने वाले तुर्की को भारत ने कड़ा सबक सिखाया है। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के जहाजों के लिए काम कर रहीं तुर्की की कंपनियों के साथ करार को खत्म कर दिया है। इससे तुर्की को बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है, जिससे उसकी सारी हेकड़ी निकल गई हे। जहाजों के बेड़ों को अब पूरी तरह भारत में ही बनाया जाएगा और इसका ठेका हिंदुस्‍तान शिपयार्ड लिमिटेड को दिया गया है। पांच फ्लीट सपोर्ट जहाजों में से पहले का स्टील-कटिंग समारोह रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने की उपस्थिति में विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया था। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने पांच बड़े आकार के नौसैनिक जहाजों के निर्माण के लिए लगभग 22,000 करोड़ रुपये के अनुबंध को मंजूरी दी थी।

रक्षा अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी 'एएनआई' को बताया, "एचएसएल ने डिजाइन परामर्श के लिए एक तुर्की फर्म के साथ समझौता किया था, लेकिन सीसीएस द्वारा अनुबंध को मंजूरी दिए जाने से पहले इसे रद्द कर दिया गया था।" परियोजना से तुर्की की कंपनी को हटाया जाना ऐसे कई उदाहरणों की पृष्ठभूमि में आया है, जहां तुर्की वैश्विक मंचों पर, खासकर कश्मीर के मुद्दे पर, भारत विरोधी रुख अपनाता रहा है। एचएसएल अब जहाजों के लिए डिजाइन का काम खुद कर रही है और डिजाइन परामर्श के लिए कोच्चि स्थित एक कंपनी की मदद ले रही है। अधिकारियों ने कहा कि कोच्चि स्थित कंपनी ने जहाज परियोजनाओं पर कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड जैसे अन्य सरकारी शिपयार्ड के साथ भी काम किया है।

पांच फ्लीट सपोर्ट जहाजों की खरीद के लिए एचएसएल के साथ एक अनुबंध पर अगस्त 2023 में हस्ताक्षर किए गए थे और जहाजों को 2027 के मध्य से भारतीय नौसेना को मिलना निर्धारित है। शामिल होने पर, फ्लीट सपोर्ट जहाज समुद्र में बेड़े के जहाजों की पुनःपूर्ति के माध्यम से भारतीय नौसेना की 'ब्लू वाटर' क्षमताओं को बढ़ाएंगे। 40,000 टन से अधिक सामान को ले जाने वाले जहाज, ईंधन, पानी, गोला-बारूद और भंडार ले जाएंगे। इससे बंदरगाह पर वापस आए बिना लंबे समय तक संचालन संभव हो सकेगा। पूरी तरह से स्वदेशी डिजाइन और स्वदेशी निर्माताओं से अधिकांश उपकरणों की सोर्सिंग के साथ, यह जहाज निर्माण परियोजना भारतीय जहाज निर्माण उद्योग को बढ़ावा देगी और भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड पहल के तहत होगा।

पाकिस्तान को सपोर्ट करता रहा है तुर्की
कश्मीर समेत कई मुद्दों पर तुर्की पाकिस्तान का पक्ष लेता रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति पाकिस्तान में कश्मीर राग अलाप चुके हैं। पाकिस्तानी संसद की संयुक्त बैठक में अपने भाषण में, एर्दोगन ने संवैधानिक स्वायत्तता और कम्युनिकेशन पर प्रतिबंधों को हटाने का जिक्र करते हुए कहा था कि हाल के महीनों में भारत द्वारा उठाए गए कदमों से कश्मीरियों की परेशानियां बढ़ गई हैं। यह दृष्टिकोण, जो वर्तमान स्थिति को बढ़ाता है और कश्मीरी लोगों की स्वतंत्रता और अधिकारों को रद्द करता है, इससे किसी को भी कोई फायदा नहीं होने वाला है।'' तुर्की के राष्ट्रपति के इस बयान के बाद भारत ने भी करारा जवाब दिया था। नई दिल्ली ने साफ किया था कि तुर्की को तथ्यों की उचित समझ विकसित करनी चाहिए और अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना बंद करना चाहिए।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
slot gacor toto 4d slot toto slot gacor thailand slot777 slot tergacor https://mataerdigital.com/ istanapetir slot gacor cupangjp situs maxwin ayamjp gampang menang slot online slot gacor 777 tikusjp situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot istanapetir situs terbaru slot
lemonadestand.online monitordepok.com portal.pramukamaros.or.id elibrary.poltektranssdp-palembang.ac.id cutihos.wikaikon.co.id pmb.umpar.ac.id industri.cvbagus.co.id ppdb.smpn1mantup.sch.id taqwastory.sma1bukitkemuning.sch.id media.iainmadura.ac.id omedia.universitasbumigora.ac.id pik.omedia.universitasbumigora.ac.id https://threadsofhopetextiles.org/bekleng/indexing/