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रिटायरमेंट पोस्ट देख भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी का छलका दर्द, रोहित फेयरवेल टेस्ट का हकदार

नई दिल्ली
रोहित शर्मा ने बुधवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। पिछले साल भारत को विश्व खिताब दिलाने के बाद टी20 अंतरराष्ट्रीय प्रारूप को अलविदा कहने वाले 38 साल के रोहित अब केवल वनडे टीम की कप्तानी पर ध्यान केंद्रित करेंगे। हालांकि उनके अचानक संन्यास के फैसले से क्रिकेट फैंस के साथ-साथ उनके टीममेट्स भी हैरान हैं। भारत के पूर्व क्रिकेट मनोज तिवारी का मानना है कि भारतीय क्रिकेट को सभी प्रारूपों में एक नए स्तर पर ले जाने वाला कप्तान बेहतर विदाई का हकदार था।
 
मनोज तिवारी ने क्रिकबज से कहा, ''अगर रोहित शर्मा सोशल मीडिया की बजाए मैदान पर खेलते हुए संन्यास लिए होते तो उनकी शानदार विदाई होती। ये हमारे लिए भी काफी अच्छा होता। उनका बतौर टेस्ट कप्तान रिकॉर्ड देखिए, ये काफी शानदार है। उन्होंने 12 टेस्ट में 9 जीते हैं और तीन हारे हैं। उनकी सफलता दर पर कोई संदेह नहीं है – ये ठोस है।''

रोहित ने 67 टेस्ट में 12 शतक और 18 अर्धशतक की मदद से 40.57 की औसत से 4301 रन बनाए हैं। रोहित ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारत की कप्तानी की। न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर पिछली सीरीज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के अलावा कप्तान के रूप में उनका प्रदर्शन प्रभावी रहा।

रोहित ने चार आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में भारत का नेतृत्व किया और उनमें से दो में जीत दिलाई। वह वनडे मैचों में 11,000 से अधिक रन बनाने वाले और 32 शतक जड़ने वाले एक महान खिलाड़ी हैं। यह 38 वर्षीय खिलाड़ी अपने करियर के दूसरे हिस्से में भारत के सबसे सफल टेस्ट बल्लेबाजों में से एक था। रोहित ने 67 टेस्ट में 12 शतक और 18 अर्धशतक की मदद से 40.57 की औसत से 4301 रन बनाए।

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