सिंगापुर में भारतीय मूल के व्यक्ति को 20 साल की सजा
सिंगापुर में भारतीय मूल के व्यक्ति को 20 साल की सजा
भारत एवं अमेरिका लोकतंत्र, मानवाधिकार के मुद्दों पर नियमित विचार-विमर्श करते हैं: अधिकारी
अमेरिका में अभियोजन पक्ष ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के खिलाफ साक्ष्य रखे
सिंगापुर,
भारतीय मूल के एक विवाहित व्यक्ति को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराने के बाद 20 साल की सजा सुनायी गई। व्यक्ति ने अपनी प्रेमिका को अन्य पुरुषों के साथ संबंध होने को लेकर गुस्से में आकर धक्का दे दिया था जिससे चोट लगने से उसकी मौत हो गई थी।
एम कृष्णन ने मल्लिका बेगम राहतांसा अब्दुल रहमान (40) की अन्य पुरुषों के साथ संबंध होने को लेकर गुस्से में आकर उसकी पिटायी की थी। मल्लिका की 17 जनवरी 2019 को मृत्यु हो गई थी।
‘टुडे’ अखबार की खबर के अनुसार 40 वर्षीय कृष्णन ने पिछले सप्ताह उच्च न्यायालय में अपना दोष स्वीकार कर लिया।
न्यायाधीश वैलेरी थीन ने कहा कि कृष्णन ने 2018 में (पुलिस अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार के एक अन्य अपराध मामले के बाद) वादा किया था कि वह सुधर जाएगा, लेकिन उसने अपनी पत्नी और प्रेमिका के साथ दुर्व्यवहार जारी रखा।
कृष्णन की पत्नी ने नवंबर 2015 में उसे और उसकी प्रेमिका को कमरे में एक साथ देखा था और दोनों शराब पी रहे थे, लेकिन उसने उस समय इस आशंका से कृष्णन से माफी मांग ली कि कहीं वह गुस्से में आकर उस पर शराब की बोतल ना फेंक दे।
मल्लिका की मौत से पहले तक कृष्णन और मल्लिका रिश्ते में रहे। अदालत के दस्तावेजों में बताया गया है की कृष्णन ने 2017 में मल्लिका की एक छोटी सी बात पर पिटायी की थी।
'टुडे' की खबर के अनुसार, मल्लिका द्वारा कई पुरुषों के साथ यौन संबंध होने की बात स्वीकार किये जाने के बाद दोनों के संबंध खराब होने लगे।
15 जनवरी, 2019 को मल्लिका और कृष्णनन जब घर में शराब पी रहे थे तो उसी दौरान मल्लिका ने अन्य पुरुषों के साथ यौन संबंध होने और उसे धोखा देने की बात कबूल की, जिससे नाराज होकर कृष्णनन ने अपनी प्रेमिका की पिटायी की और उसे धक्का दे दिया जिससे उसका सिर अलमारी से टकराया और उसकी मौत हो गई।
भारत एवं अमेरिका लोकतंत्र, मानवाधिकार के मुद्दों पर नियमित विचार-विमर्श करते हैं: अधिकारी
वाशिंगटन
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत और अमेरिका लोकतंत्र और मानवाधिकार के मुद्दों पर उच्चतम स्तर पर नियमित तौर पर विचार-विमर्श करते हैं।
उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब एक आधिकारिक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले साल मणिपुर में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का हनन हुआ था।
अमेरिका में लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारी रॉबर्ट एस गिलक्रिस्ट ने अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन द्वारा मानवाधिकार पर वार्षिक रिपोर्ट जारी किए जाने के बाद संवाददाताओं से कहा, ”अमेरिका और भारत लोकतंत्र और मानवाधिकार के मुद्दों पर नियमित तौर पर विचार-विमर्श करते हैं।”
गिलक्रिस्ट ने कहा, ”हम भारत से मानवाधिकार संबंधी अपने दायित्वों और प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने का आग्रह करते हैं। हम अमेरिका और भारत दोनों में नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के साथ भी नियमित रूप से मिलते हैं ताकि उनके दृष्टिकोण को सुना जा सके, जिसके बाद इसे मानवाधिकार आयोग को सूचित किया जाता है। हम भारत सरकार को विधित लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले नागरिक समाज संगठनों के साथ नियमित रूप से बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।''
विदेश मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) के कार्यालय पर भारतीय कर अधिकारियों के छापे और गुजरात की एक अदालत द्वारा विपक्षी कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी को दी गई दो साल जेल की सजा का भी उल्लेख किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय मानवाधिकार संगठनों, अल्पसंख्यक राजनीतिक दलों और प्रभावित समुदायों ने मणिपुर में हिंसा रोकने और वहां देर से सहायता पहुंचाने के लिए भारत सरकार की आलोचना की।
अमेरिका में अभियोजन पक्ष ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के खिलाफ साक्ष्य रखे
– अदालत कक्ष में पूर्व राष्ट्रपति ने अभियोजन पक्ष के आरोपों को चुपचाप सुना
वाशिंगटन
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रम्प के खिलाफ आपराधिक मुकदमे में महत्वपूर्ण क्षण आया। लोअर मैनहट्टन के अदालत कक्ष में पूर्व राष्ट्रपति ने अभियोजन पक्ष के आरोपों को चुपचाप सुना। बचाव पक्ष ने प्रतिवाद किया कि ट्रम्प पर गलत आरोप लगाया गया था। जूरी के समक्ष अभियोजन पक्ष ने गवाह को प्रस्तुत करने के साथ कुछ साक्ष्य भी रखे।
मैनहट्टन अभियोजक ने जूरी के 12 सदस्यों को बताया कि यह मामला एक आपराधिक साजिश और सेक्स स्कैंडल्स को छिपाने के बारे में था। इसके उजागर होने से 2016 में उनकी चुनावी जीत को खतरा था। उन्होंने बताया कि कैसे ट्रम्प, उनके वकील माइकल कोहेन और द नेशनल इन्क्वायरर टैबलॉयड के प्रकाशक डेविड पेकर नकारात्मक कहानियों को फैला रहे थे।
अपने शुरुआती बयान में ट्रंप के वकील ने जोर देकर कहा कि उनके मुवक्किल ने कुछ भी गलत नहीं किया। ट्रम्प निर्दोष हैं। इसके बाद पेकर को मुकदमे में पहले गवाह के रूप में बुलाया गया। अपनी गवाही में, पेकर ने बताया कि कैसे द नेशनल इन्क्वायरर ने कहानियों के लिए भुगतान किया। उन्होंने इसे चेकबुक पत्रकारिता की संज्ञा दी।
यह मुकदमा पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को धन दिए जाने का है। उस समय ट्रम्प के पोर्न स्टार के साथ संबंध होने की बात सामने आई थी। आरोप है कि उन्होंने इसे छुपाने के लिए स्टॉर्मी को एक लाख 30 हजार डॉलर का भुगतान किया। पूर्व राष्ट्रपति की कंपनी ने यह धन उनके वकील माइकल कोहेन को दिया। उन्होंने इसका भुगतान ट्रम्प की तरफ से पोर्न स्टार को किया। वकीलों का कहना है कि दोष सिद्ध होने पर ट्रम्प को चार साल तक की सजा हो सकती है। उल्लेखनीय है कि यह मुकदमा ऐसे समय आगे बढ़ रहा है