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भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने एनसी क्लासिक 2025 में गदर काटा, खिताब किया अपने नाम

नई दिल्ली 
भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने  एनसी क्लासिक 2025 में गदर काटा। उन्होंने प्रतियोगिता का पहला खिताब अपने नाम कर लिया है। नीरज प्रतियोगिता के मेजबान थे। वह पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में 86.18 मीटर के थ्रो के साथ पहले स्थान पर रहे। उन्होंने बेंगलुरु के कांतीरवा स्टेडियम में जोश से भरे माहौल में अपना दबदबा बनाया। 27 वर्षीय नीरज किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में मेजबान के रूप में भाग लेने वाले पहले भारतीय हैं। एनसी क्लासिक को विश्व एथलेटिक्स द्वारा कैटेगरी ए का दर्जा दिया गया है।

दोहरे ओलंपिक पदक विजेता और मौजूदा विश्व चैंपियन नीरज ने शुरुआत एक फाउल थ्रो के साथ की। उन्होंने दूसरे प्रयास में 82.99 मीटर दूरे भाला फेंका। उन्होंने तीसरे प्रयास में 86.18 मीटर का थ्रो किया, जो बेस्ट रहा। इसके बाद, उन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाज में दोनों हाथ हवा को ऊपर उठाकर जश्न मनाया।स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट और शोर मचाकर उनके हौसले को बढ़ाया। उनका चौथा थ्रो फाउल रहा भारतीय स्टार का पांचवां थ्रो 84.07 मीटर दूर गया। वहीं, भारतीय स्टार का छठा और आखिरी थ्रो 82.22 मीटर का था।

यह उनका लगातार तीसरा खिताब है। नीराज ने इससे पहले पेरिस डायमंड लीग (20 जून) और पोलैंड के ओस्ट्रावा में गोल्डन स्पाइक (24 जून) में खिताब जीता था। केन्या के जूलियस येगो दूसरे नंबर पर रहे। उन्होंने 84.51 मीटर दूरा फाला फेंका। श्रीलंका के रूमेश पथिरगे (84.34 मीटर थ्रो) तीसरा नंहर पर फिनिश किया। भारत के सचिन यादव चौथे स्थान पर रहे। उन्होंने 82.33 मीटर का थ्रो किया। नीरज ने इस प्रतियोगिता को जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स के सहयोग से आयोजित किया गया था। इसे भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने मंजूरी दी थी।

नीरज चोपड़ा क्लासिक प्रतियोगिता में 12 भाला फेंक खिलाड़ियों ने भाग लिया जिसमें सात शीर्ष अंतरराष्ट्रीय भाला फेंकने वाले खिलाड़ी शामिल थे। इसमें चोपड़ा सहित पांच भारतीय खिलाड़ियों ने भी चुनौती पेश की। नीरज ने स्वीडन के पोल वॉल्टर अर्मांडो डुप्लांटिस और कीनिया के लंबी दूरी के धावक किपचोगे कीनो से प्रेरणा ली है, जिनके नाम पर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट मोंडो क्लासिक और किप कीनो क्लासिक होते हैं। एनसी क्लासिक पहले 24 मई को हरियाणा के पंचकूला में होना था लेकिन अंतरराष्ट्रीय प्रसारकों की जरूरत के अनुसार लाइट की व्यवस्था नहीं होने से इसे बेंगलुरु में कराने का फैसला किया गया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव के कारण प्रतियोगिता को स्थगित कर दिया गया था ।

 

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